शिक्षण संस्थान नहीं बनाएं शुल्क का दबाव डीएम

शिक्षण संस्थान नहीं बनाएं शुल्क का दबाव  डीएम

राजकुमार याज्ञिक@ चित्रकूट

जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय की अध्यक्षता में राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्यों के साथ कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते महामारी के दृष्टिगत जनपद में संचालित शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा लिए जा रहे फीस शुल्क के संबंध में आवश्यक बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई।

 जिलाधिकारी ने कहा कि शासनादेशों के क्रम में उन्होंने पूर्व में निर्देश दिए गए थे कि किसी भी संस्था द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुल्क वृद्धि नहीं की जाएगी तथा शैक्षणिक सत्र 2019- 20 में छात्र-छात्राओं से नव प्रवेश व प्रत्येक कक्षा के लिए लागू की गई शुल्क संरचना के अनुसार ही लिया जाएगा। किसी भी संस्था द्वारा लाक डाउन की अवधि तथा विद्यालय बंद रहने तक छात्र-छात्राओं से परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा। छात्र व अभिभावक को तीन माह की अग्रिम शुल्क जमा करने के लिए बाध्य नहीं करेंगें।

विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई से किसी छात्र-छात्रा को वंचित नहीं किया जाएगा तथा न ही शुल्क जमा किए जाने के कारण नाम विद्यालय से काटा जाएगा। मासिक आधार पर ही शुल्क लें। बावजूद इसके कुछ विद्यालयों से शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं जो स्थिति ठीक नहीं है। पिंक कार्ड योजना के परिवारों की बेटियों को निःशुल्क शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जाए। जिससे बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान को साकार बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि माह अप्रैल, मई, जून में ट्यूशन फीस को छोड़कर अन्य कोई फीस कतई नहीं ली जाएगी। जिन विद्यालयों ने कोविड-19 को देखते हुए कुछ लोगों की फीस माफ की है वह लोग बधाई के पात्र हैं। गरीब अभिभावकों पर दबाव न बनाया जाए तथा जो व्यक्ति सक्षम है उनसे भी बिना किसी दबाव के मात्र ट्यूशन फीस ही लिया जाए। उन्होंने कहा कि अप्रैल, मई, जून की फीस न लेकर जुलाई से जोड कर फीस लें, लेकिन इन तीन महीनों का वाहन आदि कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा और न ही किसी भी दशा में शुल्क में वृद्धि की जाएगी। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक बलिराज राम सहित संबंधित अधिकारी तथा विभिन्न विद्यालयों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य मौजूद रहे।

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