झाँसी : अवैध ट्रांसपोटेशन पर आशीर्वाद है मंडी सचिव का !

कोविड के चलते प्रशासन के साथ खाद्य पदार्थों के व्यापारी भी जमकर फायदा उठा रहे हैं...

झाँसी : अवैध ट्रांसपोटेशन पर आशीर्वाद है मंडी सचिव का !

  • खाद्य सामग्री के लिए आवंटित दुकानों, गोदामों से हो रहा अन्य सामान का ट्रांसपोर्टेशन
  • कई गोदाम आवंटन के बाद दे दिए गए किराए पर
  • प्रतिबंधित डिस्पोजल के साथ पान-मसाला गुटखा भी बेचा जा रहा खाद्यान सामग्री की आड़ में

कोविड के चलते प्रशासन के साथ खाद्य पदार्थों के व्यापारी भी जमकर फायदा उठा रहे हैं।आपको बता दें कि कोरोना के चलते झाँसी के सुभाषगंज स्थित थोक खाद्य सामग्री मंडी में जगह कम होने के कारण काफी भीड़-भाड़ होती थी जिस कारण सोशल डिस्टेंसिंग नही बन पा रही थी अतः प्रशासन ने सिर्फ खाद्य सामग्री के लगभग 98 थोक विक्रेताओं को नवीन गल्ला मंडी (पुरानी मंडी) में व्यापार करने को दुकान एवं गोदाम उपलब्ध कराए थे लेकिन अगर देखा जाए तो आज लगभग 130 व्यापारी उस मंडी में अपना व्यापार कर रहे हैं, जो कि पूर्णतः निशुल्क थे किंतु बिजली  का उपयोग करने की कोई चर्चा नही की थी। किन्तु पिछले 5 माह से सभी विक्रेताओं ने कूलर पंखे आदि चलाकर बिजली का भरपूर उपयोग किया जिस कारण विद्युत विभाग को लाखों रुपयों का चूना लग चुका है।

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साथ ही ट्रांसपोर्टेशन को इस मंडी में कोई जगह नहीं दी गई थी किंतु सुभाषगंज व्यापार मंडल अध्यक्ष अजय खुराना के सहयोग से सभी वैध एवं अवैध ट्रांसपोर्टरों ने भी गल्ला मंडी में कब्जा जमा लिया एवं ट्रांसपोर्ट का कार्य जारी रखा। साथ ही गल्ला मंडी से ही अवैध रूप से इलेक्ट्रॉनिक के सामान एवं अन्य खिलोने,लकड़ी का सामान,चक्की के पाट, चप्पल आदि का भी ट्रांसपोर्टेशन जारी रखा।

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सूत्रों से यह भी पता लगा है कि अवैध रूप से चल रहे इस धंधे में मंडी सचिव का आशीर्वाद बना हुआ है। साथ ही प्रशासन द्वारा मुफ्त जगह मुहैया कराने के बाद कुछ लोगों ने अपने गोदाम रु. 6,000 से 10,000/- तक किराए पर उठा दिए हैं, जिनमें उनका उस मंडी में स्वयं का कोई व्यापार नहीं है। साथ ही प्रतिबंधित डिस्पोजल गिलास,प्लेट,थाली एवं पान-मसाला,गुटखा का भी व्यापार गल्ला मंडी से चरम सीमा पर हो रहा है। इतना सब पिछले 5 माह से चलने के बाद भी आख़िर प्रशासन,मंडी सचिव आदि की आंखें बंद क्यों हैं?

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