रहस्यमय है शल्लेश्वर महादेव का स्वरूप

रहस्यमय है शल्लेश्वर महादेव का स्वरूप

पौराणिक इतिहास अपने गर्भ में संजोए सरीला का ऐतिहासिक शैलेश्वर मंदिर आज भी समूचे क्षेत्र में श्रद्धा व विश्वास का केंद्र बना हुआ है।  मंदिर के द्वार पर लगे शिलालेख का भावार्थ आज तक कोई नहीं निकाल सका, जिसके कारण इस मंदिर को रहस्यपूर्ण माना जाता है।

 नगर सरीला के मध्य में 1000 वर्ष से भी अधिक पुराना ऐतिहासिक महत्व का शैलेश्वर मंदिर स्थित है। इस मंदिर के द्वार में देवनागरी लिपि के शिलालेख का अर्थ यूं तो कोई नहीं निकाल सका है, मगर कुछ जानकारों के मुताबिक शिलालेख में सम्मत 11000 एवं सिल्ली लेन प्रभाविता लिखा हुआ है जिसका आशय है कि संवत् 11100 में श्रीलाल लेन राजा ने मंदिर का विस्तार कराया था। नगर के वरिष्ठ गायत्री परिजन डॉक्टर जगदीश कुमार आदि का कहना है कि शिलालेख के मुताबिक मंदिर एक हजार वर्ष से भी पुराना हो सकता है मंदिर के  गर्भ गृह में विशेष पत्थर से निर्मित विशाल शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के मूल ढांचे में चार पत्थर के खंभे हैं एवं इन्हीं पत्थरों से छत डाली गई है विशेषता यह है कि मूल ढांचे में कहीं ईट चुना आदि का प्रयोग नहीं किया गया है। वर्तमान में मंदिर को भव्य रूप प्रदान किया गया है, मगर मूल ढांचा आज भी जस का तस बना हुआ है। मंदिर प्रांगण में बरामदे के निर्माण के समय नींव खोदते हुए पत्थर से निर्मित नंदी की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। जिसे मंदिर परिसर में ही स्थापित किया गया है।

मंदिर का रखरखाव समिति द्वारा किया जाता है। मंदिर में प्रत्येक सोमवार को राम धुन संकीर्तन होती है। मंदिर में आने वाली दान राशि से ही मंदिर का रखरखाव होता है इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर शिव शिव जी की विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है जिस में शिव जी को दूल्हा रूप में बैल पर बैठाकर बारात का नगर भ्रमण कराया जाता है और सायंकाल मंदिर पर ही शिव जी का दूल्हा के रूप में सैकड़ों की संख्या में लोग टीका करते हैं और रात्रि में वैदिक रीति नीति से शिवजी के विवाह की परंपरा निभाई जाती है शिवजी की बारात में भारी संख्या में हाथी घोड़े बैंड बाजा डीजे के अलावा सैकड़ों की संख्या में विभिन्न रूपों में सजी स्वांग एवं भारी संख्या में झांकियां सम्मिलित रहती हैं शिवजी भी दूल्हा रूप में बरात को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते हैं रात्रि जागरण के लिए समूचे नगर में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं शिवजी की यह अनोखी बारात नगर में विगत 45 वर्षों से निकाली जा रही है शिवजी की बारात निकालने के लिए 1 माह पूर्व से ही नगर में तैयारियां शुरू हो जाती हैं और समूचा नगर इस कार में एकजुटता से सहयोग करता है मंदिर समिति के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद सिंह का कहना है कि शिवरात्रि महोत्सव में प्रतिवर्ष निकलने वाली शिव जी की विशाल शोभायात्रा समूचे नगर वासियों के सहयोग से सहेज ही में संपन्न हो जाती है।

 

के. के. द्विवेदी

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