कोरोना काल में चाय ने बढ़ा दी खपत, हर्बल टी की बढ़ी मांग

कोरोना महामारी में लोगों का मानना ये भी है कि गर्म चीजों के सेवन से कोरोना पर काबू किया जा सकता है। जिसके लिए अब सरकारी दफ्तर, प्राइवेट संस्थान व अन्य जगहों पर भी काढ़ा चाय व हर्बल टी की मांग बढ़ती जा रही है...

कोरोना काल में चाय ने बढ़ा दी खपत, हर्बल टी की बढ़ी मांग
Corona period increased demand for herbal tea

कानपुर

कोरोना काल में जहां अन्य व्यापार में व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है। तो वहीं चाय कोरोबरियों को फायदा हुआ है। पूर्णबंदी और अनलॉक-01 के बीच चाय की खपत अपनी औसत खपत से बढ़कर 10 गुना ज्यादा हो गई है। चाय के शौकीन लोगों का मानना है कि चाय के पीने से कोरोना का खतरा कम हो जाता है। 

हिन्दुस्थान समाचार की खास बातचीत में कानपुर चाय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री श्याम अग्रहरि ने बताया कि कोरोना काल में अन्य दिनों के बदले चाय की खपत को बढ़ा दिया है। जिसके कारण हम व्यापारी भाई ग्राहकों को उनकी मांगों को पूरा नहीं कर पा रहे है। चाय की पूर्ति न करने का मुख्य कारण पश्चिम बंगाल, असम व दार्जलिंग की चाय की खेतों में चाय तुड़ान न होने के कारण चाय की पत्तिया सड़ गयी है।

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पहले खेतों में लोग ज्यादा तदाद में काम करते थे लेकिन अब कोरोना महामारी के फैलने के कारण अब खेतों में सकुंचित ही काम कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से चाय उत्पादन में कमी आ गयी है। उनका कहना है कि चाय व्यपार में अभी तक के दामों में इतना उछाल नहीं आया था जो कि कोविड 19 के आने के बाद चाय व्यापार में आया है। लोकल पत्ती भी हुई मंहगी सेकेण्ड प्लस की चाय पत्ती की आवाक और उसकी कीमतों में तेजी का असर लोकल पैकिंग की चाय पत्ती की कीमतों पर भी बाखूबी देखा जा सकता है। 

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि जो पैकिंग स्थानीय स्तर पर होकर विन्ध्य क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के 10-12 जिलों तक सप्लाई होती है उसकी कीमतों में भी तेजी आई है जबकि देश की नामी कम्पनियों की आने वाली पैकिंग में कोई वृद्धि नहीं हुई। 

निश्चिततौर पर इसका प्रभाव बिक्री पर भी पड़ेगा। इसका कारण व्यापारी कम्पनियों की चाय पत्ती के भाव एक जैसा रहना बताते हैं। उनका कहना है कि कम्पनियां लाट के लाट खरीदती हैं और पहले से ही उनके भाव अधिक होते हैं लिहाजा कीमतों में घट- बढ़ का फायदा उन्हें होता रहता है। 

उपभोक्ता को सस्ती या महंगी पत्ती एक सामान कीमतों में मिलती रहती है जबकि लोकल पैकिंग की पत्ती की कीमतें आवक के दौरान होने वाले भाव पर निर्भर करती है। उनका कहना है कि दुकानों में ग्राहकों की मांग अब काढ़े के सेवन के लिए सबसे ज्यादा हर्बल चाय की हो रही है। क्योंकि चाय के सेवन से आपकी इम्नियूटी पॉवर को भी बढ़ा देता है।

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कलक्टरगंज थाना क्षेत्र के शक्कर पट्टी में बनी चाय मार्केट में चाय के थोक व फुटकर विक्रेता अमित साहू ने बताया कि हमारे पास आने वाले हर ग्राहक का हम विशेष तौर पर ध्यान रखते है। साथ ही कोविड-19 का पालन भी कर रहे है, जिससे कोई भी किसी प्रकार से प्रभावित न हो। 

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में चाय कि सबसे ज्यादा मांग आ रही हैं और उसमें ग्राहक सबसे ज्यादा हर्बल व काढ़ा चाय की मांग कर रहा है। इन दिनों कोरोना महामारी के चलते ज्यादा उत्पादन नहीं हो पा रहा है। क्योंकि कोविड 19 के नियमों के अनुसार ज्यादा मात्रा में लोग इकठ्ठा हो कर काम नहीं कर सकते है। जिसके कारण उत्पादन में कमी आ रही है। इस वर्ष चाय व्यापार की स्थिति अच्छी नहीं है। उस पर असम व प.बंगाल में आयी इस बाढ़ से चाय की खड़ी फसल चौपट हो रही है। भारी वर्षा होने के कारण चाय बागानों में पानी भी भर गया है। जिसकी वजह से चाय के रेटों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि तभी चाय के प्रेमी अभी भी कम नहीं हुए है।

चाय का भाव 

चांदनी चाय 240 रु. प्रति किलो 
सलोनी चाय 280 रु. प्रति किलो  
सलोनी सुपर स्ट्रांग चाय 360 रु. प्रति किलो 
मधुर चाय 200 रु. प्रति किलो 
मयूर फैमली चाय 160 रु. प्रति किलो   
फैमली डस्ट चाय 180 रु. प्रति किलो 
स्पेशल होटल चाय 180 रु. प्रति किलो
ग्रीन टी (हर्बल चाय) 600 रु. प्रति किलो

हिन्दुस्थान समाचार

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