बुन्देलखण्ड का इकलौता पंचायत घर जिस पर नज़र ठहर जाए

महोबा जिला की ग्राम पंचायत गौरहरी में जो इस समय काम हो रहा है वो काबिले तारीफ है, इस समय जो गौरहरी गांव में पंचायत घर बना है वो पंचायत घर पूरा माॅडल की तर्ज पर बना हुआ है, देखने में ऐसा लगता है जैसे कोई आलिशान विवाह घर, या कोई अच्छा सा होटल है, ऐसा पंचायत घर शायद ही बुन्देलखण्ड में कही बना हो।


ग्राम प्रधान राजू राजपूत ने बताया कि जनता जनार्दन के सहयोग से गाँव को हर क्षेत्र में आगे ले जाने का लक्ष्य है, ऐसा नही है कि पंचायत भवन निर्माण कराकर संतुष्ट रहूँ, अपने कार्यो से आप सभी के सहयोग से बारात शाला भी बनवाई गई है। जो पंचायत भवन से कम नहीं है, अभी मेरे हिसाब से मेरी ग्राम पंचायत में 25 प्रतिशत कार्य हुआ अभी 75 बाकी है।

सीसी, खड़ंजा डलवाने से विकास नही हो सकता, विकास का रास्ता हर क्षेत्र से होकर गुजरता है। मुख्य क्षेत्र शिक्षा जिसको लेकर हम सबने एक रूप रेखा बनाई है। आने वाले समय मे आपको गाँव में हर सुविधाएं मिलेंगी। जिसके हकदार हैं मेरी जनता जनार्दन, ये पंचायत घर मेरा एक सपना था। जो अधिकारीयों के सहयोग व ग्रामवासियों के सहयोग से पूरा हुआ।

उन्होंने बताया कि पंचायतघर में शौचालय, बाथरूम, शयनकक्ष की व्यवस्था सुसज्जित तरीके की गई है। अभी इसमे फ्रीजर, एलईडी लाइट, साउंड माइक सिस्टम लगना बाकी रह गया है। अगर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इस पंचायत घर मे रात्रि बिताना चाहे तो उसे ये महसूस नही होना चाहिए कि ये रात गौरहरी जैसे गांव में बिताई जा रही है।

पूरे पंचायत घर मे रंग पुताई से लेकर विद्युत-फिटिंग का काम अच्छे कारीगरों द्वारा करवाया गया है। राजू राजपूत ब्लाॅक चरखारी के सबसे कम उम्र के प्रधान है। गाँव का स्वरूप बदलता जा रहा है।

प्रधान बनते ही विकास कार्यों के चलते गाँव की एक भी रास्ता ऐसी नही बची जहाँ पर आरसीसी रोड न बना हो। पूरे गांव में पीने के पानी को लेकर 30 समरसेबल डलवाये गए है। चैपरा तालाब का सुंदरीकरण भी करवाया गया है।

इन्होंने एक बरात घर भी बनवाया है जो कि पूरे ब्लाॅक में ऐसा बारात घर किसी भी ग्राम पंचायत में नही बना है। पंचायत भवन के निर्माण में पंचायत सचिव अनशन मतीन की भूमिका निभाई भी सराहनीय है।

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