कहा गयी खुदाई में मिली मूर्ति और खजाना

कहा गयी खुदाई में मिली मूर्ति और खजाना
खुदाई के दौरान मिला खजाना- फाइल फोटो

बुन्देलखण्ड के बांदा जनपद में स्थित दो गांवों में खजाना और सोने की मूर्ति  मिली है लेकिन खजाना और बेशकीमती मूर्ति प्रशासन के हाथ नहीं लगी। दोनों मामलों में प्रशासन की भूमिका सक्रिय नजर नहीं आ रही है।

दो दिन पहले बांदा शहर कोतवाली के अंतर्गत ग्राम मवई में एक कुएं से सोने की मूर्ति बरामद होने की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया। मामला पुलिस तक पहुंचा, पुलिस ने इस संबंध में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी। जब इस बारे में कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह से बात की गई उन्होंने कहा कि अभी किसी तरह की कोई मूर्ति बरामद नहीं हुई जबकि गांव के लोगों का दावा है कि गांव में प्राचीन कुएं की खुदाई के दौरान कुएं में नीचे रहे मजदूरों ने एक मूर्ति निकाली थी। 

बाद में उनकी नियत खराब हो गई इसलिए 4 मजदूरों ने आपस में तय किया यह मूर्ति कुएं से तब निकालेंगे जब यहां कोई नहीं होगा इसके बाद वह मजदूर उस मूर्ति को कुएं में से निकाल कर ले गए लेकिन 2 दिन पहले मूर्ति के धन के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ, जिसमें पुलिस तक पहुंच गया इसमें एक दो मजदूरों ने दावा किया है कि उन्होंने मूर्ति देखी है मूर्ति सोने की तरह चमक रही थी अब यह मूर्ति कहां है इसका जवाब पुलिस के पास भी नहीं है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि मजदूरों से बातचीत की जा रही है।
 
इसी तरह का दूसरा मामला कमासिन थाना क्षेत्र के ग्राम तिलौसा का है। यहां एक ठेकेदार ने दिन के बजाय रात में तालाब की खुदाई कराई जहां से खजाना निकाले जाने की चर्चा है लेकिन प्रशासन इस मामले में पल्ला झाड़ रहा है। जनपद में कमासिन विकासखंड के अंतर्गत ग्राम तिलौसा के रइतलवा तालाब में लघु सिंचाई विभाग द्वारा ठेकेदार तारिक अली से करीब 3 सप्ताह से खुदाई का कार्य कराया जा रहा था। कल शनिवार को तालाब के बीचो बीच कुछ ईट्रे दिखाई दी। जिसे देखते ही ठेकेदार को यह आशंका हो गई यहां धन गड़ा है। इसलिए ठेकेदार द्वारा  दिन के बजाय रात को करीब 11 बजे पोकलैंड मशीन से उक्त स्थान में खुदाई कराना शुरू किया। 

रात में मशीन चलने से गांव वासियों को आशंका हो गई और तालाब में जा पहुंचे तो देखा कि वहां पोकलैंड मशीन से गहरी खुदाई कराई जा रही  है ।  वहां ईंटे मिलने से लोगों को यह आशंका हो गई यहां धन गड़ा है और ठेकेदार इसी कारण यहां खुदाई करा रहा है। जिसकी सूचना कमासिन थाने में दी गई। रात को ही मौके पर दो सिपाही पहुंच गए तब तक वहां सैकड़ों  व्यक्ति पहुंचकर हो हल्ला मचाने लगे। मौजूद पुलिसकर्मियों ने गांव वालों को ही ठेकेदार द्वारा खुदाई न कराने पाये इसलिए तालाब में ही पहरा बैठा बैठा दिया। रविवार को धन निकालने की सूचना पाकर एसडीएम बबेरू महेंद्र बहादुर, सीईओ राजीव प्रताप सिंह, प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह व लघु सिंचाई विभाग के जेई श्यामलाल मौके पर पहुंचकर  उक्त स्थल का निरीक्षण किया तथा ईटा मिलने के कारण प्रशासन ने उक्त स्थल को घेराबंदी करा कर सील कर दिया है तथा पुरातत्व विभाग को सूचना देकर मौके पर पहुंचकर सत्यापन करने की सिफारिश की।

वही लोगों में यह धारणा बनी हुई है कि रात को काफी धन निकला है जबकि प्रशासन द्वारा की जांच पड़ताल में घटना अफवाह निकली। यह सच्चाई जरूर है खोदे गये स्थान पर पक्की ईट निकालने से आशंका को बल मिल रहा है। अब पुरातत्व विभाग द्वारा मौके का निरीक्षण करने व खुदाई कराने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी कि आखिर तालाब के बीचो-बीच नीचे  ईटें कहां कैसे आ गई, यहां क्या बना था। इस बीच क्षेत्राधिकारी राजीव प्रताप सिंह ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान ऐसा कुछ नजर नहीं आया, जिससे यह पता चले कि यहां पर खजाना निकला है फिर भी मामले की जांच की जा रही है।

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