135 कुवांरी कन्याओं ने रखा जया पार्वती व्रत
जया पार्वती व्रत प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन से यह व्रत किया जाता है, जिसे जया पार्वती व्रत ...
चित्रकूट,
भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने रखा था पहला व्रत
स्व.अरविंद मफतलाल ने 25 वर्ष पहले कराई थी व्रत की शुरुआत
रात्रि जागरण में मनमोहक प्रस्तुतियां देने वालों को ट्रस्टी डॉ वीके जैन व ऊषा जैन ने किया पुरस्कृत
जया पार्वती व्रत प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन से यह व्रत किया जाता है, जिसे जया पार्वती व्रत अथवा विजया पार्वती व्रत भी कहा जाता है। बताते हैं कि यह व्रत गुजरात, महाराष्ट्र एवं मालवा क्षेत्र का लोकप्रिय पर्व होता है। चित्रकूट के सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट में इस व्रत की शुरूआत गुजरात के सुप्रसिद्ध उद्योगपति अरविंद भाई मफतालाल ने कराई थी।
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श्री सद्गुरु महिला समिति की अध्यक्ष ऊषा जैन ने बताया कि जया पार्वती व्रत पर्व श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट में लगभग 25 वर्षों से मनाया जा रहा है। इस व्रत को ट्रस्ट की 135 कुंवारी कन्याओं ने पांच दिन तक सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ किया है। कन्याओं द्वारा शुरू दिन जवारे बोकर भगवान शंकर और माता पार्वती का पूजन कर व्रत का शुभारंभ किया गया।
उन्होंने बताया कि पांच दिन तक व्रत करने वाली कन्याएं बिना नमक के फलाहारी खाकर रहती हैं। व्रत के अंतिम दिन रात्रि जागरण का कार्यक्रम सभी कन्याओं द्वारा किया गया। जागरण कार्यक्रम में जिन कन्याओं ने अच्छी प्रस्तुतियां दी, उनको ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ वीके जैन द्वारा पुरस्कृत किया गया।
उन्होंने बताया कि रात्रि जागरण के अगले दिन व्रत करने वाली कन्याओं और सदगुरू परिवार के सभी सदस्यों ने बड़े ही धूम धाम और गाजे-बाजे के साथ मां मंदाकिनी गंगा में जवारों का विसर्जन किया गया। विसर्जन के बाद सभी व्रत रखने वाली कन्याओं ने पारण किया और अपने सुख समृद्धि व मनचाहे संकल्प की प्राप्ति के लिए भगवान से प्रार्थना किया।
उल्लेखनीय है कि इस व्रत को भगवान शंकर को पाने के लिए माता पार्वती ने बड़े ही विधि विधान से किया था और भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी को इस व्रत का रहस्य बताया था। इसीलिए कन्याएं भी इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करती हैं।
श्री सद्गुरु महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा जैन ने बताया कि इस व्रत को ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वर्गीय सेठ अरविंद भाई मफतलाल ने प्रारंभ करवाया था। तभी से यह अनवरत किया जा रहा है और आगे भी यह चलता रहेगा।
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