बांदा व चित्रकुट के 21 बंधुआ प्रवासी मजदूरों को मानव तस्करी से मुक्त करवाया

ईट भट्टा में काम करवाने के नाम पर बांदा और चित्रकूट के 21 मजदूरों को राजस्थान के अजमेर शहर के समीप पंचशील नगर में ले जाया गया था और बाद में..

बांदा व चित्रकुट के 21 बंधुआ प्रवासी मजदूरों को मानव तस्करी से मुक्त करवाया

ईट भट्टा में काम करवाने के नाम पर बांदा और चित्रकूट के 21 मजदूरों को राजस्थान के अजमेर शहर के समीप पंचशील नगर में ले जाया गया था और बाद में उन्हें बंधक बना लिया गया। इस सूचना के आधार पर बंधुआ मुक्ति मोर्चा द्वारा किए गए प्रयास से मजदूरों को मुक्त करा कर उनके घरों में वापस भेजा जा रहा है।

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इस आशय की जानकारी बंधुआ मुक्त मोर्चा दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी निर्मल अग्नि ने बताया कि  5 नवम्बर, 2020 को उत्तर प्रदेश के ईंट भट्ठा मजदूर नरेंद्र ने फोन से सूचना दी कि उसे तथा उसके साथियों को अजमेर शहर के समीप पंचशील नगर स्थित भारत नाम के ईंट भट्ठे पर काम करवाने के लिए पांच परिवारों को बंधक बनाकर रखा गया है जिसमें 4 महिला , 11 पुरुष , 6 बच्चे शामिल है।

नरेंद्र ने बताया  कि लगभग 3 माह पूर्व ठेकेदार उन्हे यूपी के बांदा व चित्रकूट से अजमेर, राजस्थान ले आया था, तब से वे भट्टे पर काम कर रहे हैं पर मजदूरों को आवास और पेयजल तक उपलब्ध नहीं करवाया गया । महिलाओं से दुर्व्यवहार किया गया।

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अजमेर जिला प्रशासन के निर्देश पर सोमवार को अजमेर शहर के समीप स्थित भट्टे से बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाने के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट के अशोक व संगीता चैधरी सहित श्रम विभाग के निरीक्षक और नायाब तहसीलदार तुकाराम संयुक्त टीम बनाई गई। बंधुआ मुक्ति मोर्चा के राजेश यज्ञिक, दिनेश ध्रुव ने गठित टीम को ईंट भट्टे तक पहुंचाया। मुक्त बंधुआ श्रमिकों का कहना था कि वे भट्ठे से काम छोड़कर घर लौटना चाहते हैं किन्तु भट्ठा मालिक एवं ठेकेदार उन्हें घर जाने से रोक रहे थे। 

bricks | labour work for brick | brick production

यूपी के चित्रकूट और बांदा जिला के अनुसूचित जाति के इन मजदूरों का बयान दर्ज कर सोमवार को देर शाम तक मुक्त कराया गया और एसडीएम अवधेश मीणा के समक्ष पेश किया गया। एसडीएम ने बंधुआ श्रम उन्मूलन अधिनियम 1976 के तहत जल्द ही सभी मुक्त बंधुआ श्रमिकों को मुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने की घोषणा की है । सभी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन के समीप स्थित रैन बसेरे में ठहराया गया है। मजदूर कल भारत बंद होने के कारण रैन बसेरे में ही फसे रहे। आज समस्त मजदूरों को बांदा एवं चित्रकूट के लिए रवाना किया जायेगा।

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बंधुआ मुक्ति मोर्चा के जनरल सेक्रेटरी निर्मल अग्नि ने अजमेर जिला प्रशासन को प्रति मजदूर हेतू 20000 रूपये के हिसाब से तत्काल सहायता राशि बंधुआ मजदूरों की पुनर्वास योजना 2016 के तहत प्रदान करने एवं पुलिस सुरक्षा के साथ उत्तर प्रदेश उनके पैतृक गांव तक पहुंचाने की अपील की है।

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साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल मुक्त बंधुआ मजदूरों के उचित पुनर्वास करने की गुजारिश की। निर्मल अग्नि ने बताया की केन्द्र सरकार के पास उचित बजट होने के बाद भी जिला स्तर पर कोरपस फंड नही बन पाया है। लगभग 450 से ज्यादा बंधुआ मजदूर पिछले तीन साल से पुनर्वास की आस लगाए बैठे है। 

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