बुंदेलखंड के गोरखगिरि में, गोरखपुर की तर्ज पर बन रहा है गुरु गोरखनाथ का भव्य मंदिर 

गोरखनाथ के भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बुंदेलखंड में महोबा स्थित गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली गोरखगिरि उत्तर प्रदेश का अग्रणी पर्यटन केंद्र बनेगा। नाथ संप्रदाय के प्रणेता गुरु...

बुंदेलखंड के गोरखगिरि में, गोरखपुर की तर्ज पर बन रहा है गुरु गोरखनाथ का भव्य मंदिर 

गोरखनाथ के भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बुंदेलखंड में महोबा स्थित गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली गोरखगिरि उत्तर प्रदेश का अग्रणी पर्यटन केंद्र बनेगा। नाथ संप्रदाय के प्रणेता गुरु गोरखनाथ के सपनों को साकार करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखगिरि पर्वत पर मंदिर, बाजार, रोप-वे, धर्मशाला, ध्यानकेंद्र बनवा रहे हैं। इसके साथ यहां गुरु गोरखनाथ की एक बड़ी भव्य प्रतिमा भी स्थापित होगी। इस पर करीब 25 करोड़ की लागत आएगी। करीब दो हजार फीट ऊंचे गोरखगिरि पर्वत पर सिद्ध बाबा मंदिर है। यहां गर्भगृह में गुरु गोरखनाथ की खड़ाऊं-चिमटा रखा हुआ है।

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दो साल पहले 10 अगस्त 2021 को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 2.0 के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने महोबा आये तो उन्होंने हेलीकॉप्टर से नीचे उतरते ही तत्कालीन जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार से पूछा कि ये पहाड़ बहुत सुंदर है, ऊपर से नजारा बहुत अच्छा लग रहा था। ये कौन सी जगह है। तब डीएम ने मुख्यमंत्री को बताया कि यही गोरखगिरि पर्वत है। जो गुरू गोरखनाथ की तपोभूमि है।

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जहां वह 11-12वीं शताब्दी में रहते थे। इस पहाड़ के ऊपर सिद्धबाबा का स्थान है, जहां त्रेता युग में अपने चित्रकूट प्रवास के दौरान भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण के साथ आते थे। इतना सुनते ही मुख्यमंत्री ने तुरंत गोरखगिरि पर्वत को एक आदर्श पर्यटन तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए एक वृहत कार्य योजना बनाने का डीएम को निर्देश दिया। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने ऊपर सिद्ध बाबा मंदिर तक जाने के लिए रोपवे, परिक्रमा मार्ग के सौन्दर्यीकरण के लिए भी कहा।

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सबसे पहले मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तरह गोरखगिरि पर्वत के लिए 50 लाख की धनराशि मिली। फिर वृहद कार्य योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 12 करोड़ की धनराशि जारी की गई। जिसके तहत गोरखगिरि में विभिन्न काम हो रहे हैं। पर्वत के ऊपर स्थित सिद्धबाबा मंदिर तक जाने के लिए पांच फुट चौड़ा एक किलोमीटर लंबा रास्ता और सीढ़ियां बन रही हैं। अभी तक सिद्धबाबा जाने के लिए ऊबड़-खाबड़ रास्ते से जाना पड़ता था। पूरे रास्ते में अच्छी लाइटिंग व्यवस्था हो गई है ताकि रात में भी भक्त ऊपर आसानी से जा सकें।

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 सिद्धबाबा में भी गोरखपुर की तर्ज पर भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर के सामने ध्यान केंद्र व ओपन एयर थियेटर बन रहा है। नाथ संप्रदाय के प्रणेता गुरू गोरखनाथ की ध्यान मुद्रा में 51 फिट ऊंची कांसे की मूर्ति बनना है। सिद्ध सरोवर का सौन्दर्यीकरण चल रहा है। इसके अलावा 30 मीटर का कांच का पुल (ग्लास ब्रिज) बनना है जिसके लिए लखनऊ से आकर विशेषज्ञों की टीम परीक्षण के लिए मिट्टी ले गई है।

कैसे पहुंचे
गोरखगिरी पर्वत महोबा से करीब 2 किलामीटर की दूरी पर है। महोबा ट्रेन और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। यहां आप रेल या बस से आसानी से आ सकते हैं। महोबा से नजदीकी हवाई अड्डा खजुराहो करीब 55 किलोमीटर दूर है।

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