अखिलेश यादव सदर सीट पर पूर्व मंत्री बादशाह सिंह पर लगा सकते है दांव

हमीरपुर सदर विधानसभा सीट से एक बार फिर पूर्व मंत्री बादशाह सिंह पर अखिलेश यादव दांव लगा सकते हैं। बादशाह सिंह बीएसपी सरकार..

अखिलेश यादव सदर सीट पर पूर्व मंत्री बादशाह सिंह पर लगा सकते है दांव
हमीरपुर सदर विधानसभा सीट से एक बार फिर पूर्व मंत्री बादशाह सिंह पर अखिलेश यादव दांव लगा सकते हैं..

  • बीएसपी सरकार में बादशाह सिंह रहे है मंत्री
  • मंत्री पद पर रहते हुए खानी पड़ी थी जेल की हवा
  • स्वामी प्रसाद के जरिए एसपी में लाने की तैयारी

हमीरपुर सदर विधानसभा सीट से एक बार फिर पूर्व मंत्री बादशाह सिंह पर अखिलेश यादव दांव लगा सकते हैं। बादशाह सिंह बीएसपी सरकार में मंत्री रहे हैं, जो लैकफेड घोटाले में जेल भी गए थे। स्वामी प्रसाद मौर्य के जरिए इन्हें पार्टी में लाने की तैयारी है। पड़ोसी महोबा जिले के खरेला के रहने वाले बादशाह सिंह वर्ष 1989 में नगर पंचायत चेयरमैन पद के लिए चुनाव मैदान में आए थे। चेयरमैन बनने के बाद इन्होंने हमीरपुर जिले की मौदहा विधानसभा सीट से सियासी पारी खेलने को चुनावी दंगल में कदम रखा लेकिन कांग्रेस के युवराज सिंह ने इन्हें पराजित कर दिया था। बादशाह सिंह को 21 हजार,556 मत मिले थे।

वर्ष 1991 के चुनाव में बीएसपी को कड़ी टक्कर देते हुए ये पहली बार एमएलए चुने गए।उन्हें 26 हजार,138 मत मिले थे जबकि बीएसपी 18 हजार,895 मत पाकर दूसरे स्थान रही। वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट से बादशाह सिंह चुनाव मैदान में आए लेकिन इन्हें बीएसपी से हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें 35 हजार,448 मत मिले थे। इसके बाद 1996 के चुनाव में बादशाह सिंह फिर से विधायक चुने गए। इन्हें सर्वाधिक 52 हजार, 786 मत मिले थे, वहीं युवराज सिंह 27 हजार, 961 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। जातीय समीकरण में ये लगातार 2012 तक तीन बार एमएलए बने।

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  • मंत्री रहते बादशाह सिंह गए थे जेल

वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बादशाह सिंह ने बीजेपी छोड़कर बीएसपी में इन्ट्री ली और भारी मतों से चुनाव में जीत दर्ज कराई। मायावती सरकार में इन्हें श्रममंत्री बनाया गया लेकिन लैकफेड घोटाले में इन्हें जेल जाना पड़ा।

आय से अधिक सम्पत्ति रखने में भी इनके खिलाफ जांच बैठाई गयी थी। ये करीब ढाई साल तक जेल में रहे है। वर्ष 2012 के परसीमन में मौदहा विधानसभा सीट खत्म कर दी गई और इसका आधा हिस्सा राठ व आधा हिस्सा सदर सीट से जोड़ दिया गया है।

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  • कांग्रेस का भी थामा दामन

वर्ष 2016 में बादशाह सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। ये लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे। एक बार फिर सियासी पारी चमकाने के लिए बादशाह सिंह स्वामी प्रसाद मौर्य के जरिए अखिलेश यादव की पार्टी में इन्ट्री की तैयारी में हैं।

अब उन्हें हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाए जाने के लिए पार्टी उन पर दांव लगाने के मूड में है। इसीलिए इनके नाम पर मंथन जारी है। एसपी के तमाम पदाधिकारियों ने बताया कि बादशाह सिंह सदर सीट से टिकट मांग रहे हैं।

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हि.स

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