बाढ़ से बचाव की सारी तैयारी 30 जून तक पूरी की जाए : मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव विषय पर समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को 30 जून तक सारी तैयारियां..

बाढ़ से बचाव की सारी तैयारी 30 जून तक पूरी की जाए : मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath)

लखनऊ,

  • बाढ़ नियंत्रण एंव बचाव पर मुख्यमंत्री योगी की बैठक
  • अति संवेदनशली तटबंधों का निरीक्षण खुद जिलाधिकारी करें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव विषय पर समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को 30 जून तक सारी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ एक आपदा है। इस आपदा में जनहानि को न्यूनतम स्तर पर ले जाने के लिए हमें कार्य करना होगा। यदि लोगों को उनके घर से अलग रहने का इंतजाम करना पड़ रहा है तो महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। किसी भी जिले में कहीं पर भी जल जमाव न होने पाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

  • हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किये जाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संवेदनशील तटबंधों का निरीक्षण किया जाए। जिलाधिकारी स्वयं इसकी निगरानी करें और अति संवेदनशील जगहों पर खुद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को साथ लेकर निरीक्षण करें। सामान्य तटबंधों का एसडीएम डिप्टी एसपी के साथ निरीक्षण करें। हर जिले का कंट्रोल रूम होना चाहिए। यह मत सोचिएगा कि आपके जिले में बाढ़ नहीं आएगी। जिले में कहीं भी जल जमाव नहीं होना चाहिए। जिलाधिकारी इसमें रुचि लें। सबकी जवाबदेही तय करें।

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  • नदियों को चैनलाइज किया जाए

30 जून तक सारी तैयारी कर ली जाए। आमतौर पर उप्र में 15 जून तक मानसून दस्तक दे देता है। कई जिलों में कल से बारिश हुई है। प्रदेश में पहले 26 जिले अतिसंवेदनशील की श्रेणी में आते थे। प्रभावी ढंग से योजना बनाकर कार्य किया गया। आज उसका परिणाम सामने है। नदियों को चैनलाइज किया जाए। नदी का सिल्ट हटा दिया जाए। नहीं हटाने पर सिल्ट नदी में ही चला जाता है। इसके बाद नदी फैलती है और बाढ़ आती है।

  • गोंवशों से लेकर नागरिकों के लिए पहले से हो इंतजाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की आएगी। बाढ़ आने से पहले नाव, गोवंश के लिए चारे व आम जनों को ठहराने एवं उनके लिए राहत पैकेट समय से पूर्व तैयार कर लिया जाए। ऐसा न हो कि बाढ़ आने के बाद आप तैयारी में जुटें। बाढ़ एक आपदा है। इस आपदा में जनहानि को न्यूनतम स्तर पर ले जाने के लिए हमें कार्य करना चाहिए। यदि लोगों को उनके घर से अलग रहने का इंतजाम करना पड़ रहा है तो महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। इस बैठक से प्रदेश के सभी जिलों के डीएम व अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। वहीं मुख्यमंत्री के साथ यहां शासन के अधिकारी मौजूद रहे।

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हि.स

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