अद्भुत मगर सचः साढ़े 4 माह से बच्चेदानी के बाहर ठहरा हुआ था गर्भ, हुआ सफल ऑपरेशन

मेडिकल के इतिहास में एक और अद्भुत केस  जनपद बांदा में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में आया है। जिसमें एक महिला...

अद्भुत मगर सचः साढ़े 4 माह से बच्चेदानी के बाहर ठहरा हुआ था गर्भ, हुआ सफल ऑपरेशन

मेडिकल के इतिहास में एक और अद्भुत केस  जनपद बांदा में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में आया है। जिसमें एक महिला के बच्चेदानी के बाहर साढ़े 4 माह से गर्भ ठहरा था। जिसका डॉ. नीलम सिंह एमएस गयानी गोल्ड मेडलिस्ट ने सफल ऑपरेशन करके महिला की जान बचा ली। जबकि बच्चे को नहीं बचाया जा सका। यह अद्भुत केस मेडिकल स्टूडेंट के लिए मेडिकल लिटरेचर में लिखा जाएगा।

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हमीरपुर जनपद के मौदहा तहसील में बिंवार गांव की रहने वाली ऋतु शुक्ला पत्नी अमित शुक्ला साढ़े चार माह के गर्भ से थीं। पिछले कुछ दिनों से उन्हें रक्त रिसाव की समस्या हो गई थी। उन्होंने मौदहा में दिखाया तो डाक्टर ने बच्चा खराब हो जाने की बात कह कर सफाई कर दी। सफाई के बाद भी मरीज को रक्त रिसाव से निजात नहीं मिली। तब ऋतु के परिजन ऋतु को लेकर बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज पहुंचे। जहाँ डा. नीलम सिंह एम एस गायनी गोल्ड मेडलिस्ट ने ऋतु की जांचे कराईं।

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जांच से पता चला कि ऋतु के गर्भ में जो बच्चा पल रहा है वो असल मे बच्चेदानी से बाहर एक गांठ की शक्ल में मौजूद है।डाक्टर नीलम सिंह ने ऋतु के परिजनों को तत्काल ऋतु का ऑपरेशन कराने की सलाह दी। परिजनों की रजामंदी के बाद डा. नीलम सिंह ने गुरुवार को ऋतु का ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद ऋतु अब खतरे से बाहर है और स्वस्थ्य हो रही है।

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 इस अदभुत केस के बारे में डा. नीलम सिंह ने बताया कि इस तरह के केस लाखों में कभी कभार ही सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के केस में बच्चेदानी के बाहर साइड में एक गांठ की शक्ल में गर्भ ठहर जाता है। अगर डेढ़ दो माह तक ध्यान नहीं दिया जाता तो वह गांठ फट जाती है, जिससे माँ की भी मौत हो सकती है। यह अपने आपमे बहुत अदभुत केस है, इस केस में साढ़े चार माह गुज़र गए लेकिन वो गांठ फ़टी नही, समय रहते मरीज हमारे पास आ गया और ऑपरेशन करा लिया जिससे मरीज की जान बच गई। 


डा. नीलम सिंह ने बताया कि इस केस की डिटेल आप्स गायनी जरनल में सुरक्षित की जाएगी। जो मेडिकल स्टूडेंट्स को अदभुत केसों के बारे में पढ़ाने में सहायक होगी। इस सफल ऑपरेशन के लिए रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. मुकेश कुमार यादव ने डा. नीलम सिंह और उनकी टीम की सराहना की है। इस बीच मेडिकल कालेज के स्त्री रोग विभाग में जब से यह अदभुत केस सामने आया है तब से मेडिकल डिपार्टमेंट के साथ साथ आम लोगों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

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