किसान मंच से लगे 'अल्लाह हो अकबर' के नारों से सिख समुदाय में नाराजगी

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत द्वारा मंच से लगाया गया 'अल्लाह हो अकबर' का नारा फिर से चर्चा में आ गया है..

किसान मंच से लगे 'अल्लाह हो अकबर' के नारों से सिख समुदाय में नाराजगी
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait)

लखनऊ,

  • उप्र के राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने उठाया सवाल

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत द्वारा मंच से लगाया गया 'अल्लाह हो अकबर' का नारा फिर से चर्चा में आ गया है। खासकर सिख समुदाय में इसे लेकर काफी नाराजगी है। यूपी सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने राकेश टिकैत पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर यह कैसा आंदोलन है, जिसमें 'अल्लाह हो अकबर' के नारे लगाए गए।

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  • औलख बोले, किसान महापंचायत थी या एक धर्म विशेष का जलसा

श्री औलख ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वहां कई धर्म और वर्ग के लोग थे लेकिन नारे सिर्फ एक धर्म विशेष के लगाए गए जबकि सबसे अधिक संख्या में सिख समुदाय के किसान मौजूद थे लेकिन उनके लिए एक भी नारा नहीं लगा।

बलदेव सिंह औलख ने कहा कि राकेश टिकैत सिर्फ किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। वह किसान आंदोलन के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं। उनको किसानों के हित से कोई लेना देना नहीं हैं। किसान अंदोलन के मंच से अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने से उनकी मंशा साफ पता चलती है।

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उन्होंने कहा कि यूपी सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। किसानों को तकनीक से जोड़कर समृद्ध बनाया जा रहा है, आमदनी बढ़ाई जा रही है। सरकार ने चार सालों में 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपए गन्ना किसानों को भुगतान किया है, जो रिकार्ड है। किसानों की तरक्की राकेश टिकैत को हजम नहीं हो रही।

दरअसल, पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में किसान पंचायत के दौरान राकेश टिकैत ने मंच से अल्लाह हो अकबर के नारे लगवाए थे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी उनकी जमकर खिंचाई हुई थी। लोगों का कहना था कि किसान मंच पर धार्मिक नारों का क्या मतलब है।

यूपी सरकार में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने नाराजगी जाहिर करते हुए कि आंदोलन में क्या एक ही धर्म विशेष के लोग उपस्थित थे। राकेश टिकैत को अगर धार्मिक नारे लगवाना थे तो उनको हर धर्म का नारा लगवाना चाहिए था। सबसे अधिक संख्या में तो सिख समुदाय के किसान मौजूद थे लेकिन उनके धर्म का एक भी नारा नहीं लगाया गया। इससे सिख समुदाय में काफी रोष व्यक्त है।

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हि.स

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