बुन्देलखण्ड को एक और उपलब्धि - बुन्देली गौरव कवि शिरोमणि डॉ. अवध किशोर जडिया को मिलेगा पद्म श्री

बुंदेली साहित्यकार छतरपुर जिले के हरपालपुर निवासी ‘बुन्देली गौरव’ कवि शिरोमणि, ‘काव्य रत्न’ डॉ.अवध किशोर जडिया को..

बुन्देलखण्ड को एक और उपलब्धि - बुन्देली गौरव कवि शिरोमणि डॉ. अवध किशोर जडिया को मिलेगा पद्म श्री
बुन्देली गौरव कवि शिरोमणि डॉ. अवध किशोर जडिया को मिलेगा पद्म श्री..

बुंदेली साहित्यकार छतरपुर जिले के हरपालपुर निवासी ‘बुन्देली गौरव’ कवि शिरोमणि, ‘काव्य रत्न’ डॉ.अवध किशोर जडिया को  पद्म श्री पुरस्कार मिलेगा। बुन्देली के कवि डॉ.अवध किशोर जडिया  का जन्म हरपालपुर में 17 अगस्त 1948 को आलीपुरा स्टेट के राजवैद्य श्री ब्रजलाल जी के घर हुआ।

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इनके पिताजी स्वयं अच्छे ज्योतिष के ज्ञाता, वैद्य तथा साहित्य मर्मज्ञ रहे। उन्हीं से साहित्यिक संस्कार डॉ. जड़िया को प्राप्त हुए। इनकी प्रारंभिक शिक्षा हरपालपुर में ही हुई तथा चिकित्सीय स्नातक डिग्री बी.ए.एम.एस. ग्वालियर विश्वविद्यालय से स्वर्णपदक के साथ 1970 ई. में प्राप्त थी। आपको 2021 मे पद्मश्री सम्मान से भारत सरकार ने सम्मानित किया।

डॉ.अवध किशोर जडिया शासकीय सेवा में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के रूप में आ गए। सन् 1977 में एक कृति ‘वंदनीय बुन्देलखण्ड’ प्रकाशित है। ‘ऊधव शतक’, ‘कारे कन्हाई के कान लगी है’ तथा ‘विराग माला’ काव्य संग्रह अप्रकाशित है।

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