पंच नद पर भूमिगत नहर की मंजूरी, बुंदेलखंड के लिए बनेगी अमृतधारा 

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए अमृतधारा के रूप में पंच नद (जनपद जालौन एवं औरैया )पर भूमिगत नहर व डैम की  मंजूरी..

पंच नद पर भूमिगत नहर की मंजूरी, बुंदेलखंड के लिए बनेगी अमृतधारा 

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए अमृतधारा के रूप में पंच नद (जनपद जालौन एवं औरैया )पर भूमिगत नहर व डैम की  मंजूरी से बुंदेलखंड के लोगों में हर्ष व्याप्त है इस बारे में बुंदेलखंड विकास बोर्ड के सदस्य डॉ पवन पुत्र बादल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर आभार व्यक्त किया है।

यह भूमिगत नहर  3000 करोड़ की लागत से बनेगी।इस प्रस्तावित नहर को मुख्यमंत्री द्वारा कल स्वीकृति प्रदान की गई। पचनद बांध पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। वर्ष 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यमुना पट्टी के गांव सड़रापुर में बांध बनाने की घोषणा की थी।

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यहां बांध बनने से बुंदेलखंड का सूखा खत्म हो जाएगा। 2006 में सपा के सांसद रघुराज सिंह शाक्य ने संसद में पचनद बांध मुद्दे को उठाया तब जल निगम मऊरानीपुर डिवीजन से यह कार्य शुरू कराया। इसके बाद मध्य प्रदेश व राजस्थान सरकार की हामी न मिलने से प्रोजक्ट लटक गया।

इसके बाद सांसद अशोक दोहरे ने भी इस मुद्दे को सदन में उठाया।तत्कालीन केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने 13 फ रवरी 2016 को पचनद बांध बनाने के लिये हवाई सर्वेक्षण किया और प्रोजेक्ट निर्माण को हरी झंडी दिखाई। कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार साथ दे तो यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।

मगर अब भाजपा की तीनों प्रदेशों में सरकार है और केंद्र में भी भाजपा ही काबिज है। ऐसे में चंबल में ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशने के बाद प्रस्तावित नहर को मुख्यमंत्री द्वारा कल स्वीकृति प्रदान की गई।

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ये नदियां आकर मिलती है

पचनद पांच नदियों का संगम है। इसमें यमुना, चंबल, सिंधु, क्वारी व पहुज नदियां मिलती है। इसमें चंबल नदी मध्य प्रदेश राज्य के दायरे में है। जबकि सिंधु, पहुज नदिया का उद्गम स्थल राजस्थान से है।

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प्रोजेक्ट एक नजर में

जिले की पांच नदियों के संगम स्थल पर पचनद बांध परियोजना के अंतर्गत डैम व पावर स्टेशन की स्थापना के साथ बुंदेलखंड व उत्तर प्रदेश के मैदानी हिस्सों में सिंचाई संसाधन के विकास के लिए पांच नहरों का निर्माण प्रस्तावित है। इससे औरैया, इटावा, जालौन समेत बुंदेलखंड के सात जिलों को लाभ मिलेगा।

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पचनद बांध परियोजना से लाभ

इस परियोजना से 4.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी । 7,13, 639 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। इससे बाएं तट पर निचली गंगा नहर प्रणाली के कमांड में सिंचाई की तीव्रता 70 फीसदी से बढ़कर 102.4 फीसदी होगी।

दाएं तट पर बेतवा नहर प्रणाली के कुठोंद शाखा के कमांड में सिंचाई की तीव्रता 65 से बढ़कर 85.8 हो जाएगी। इससे 8880 लाख रूपये (वर्ष 1982 की दरों पर आधारित) का अतिरिक्त वार्षिक खाद्यान्न की पैदावार होगी। इस योजना से सिंचाई के अलावा 410 मिलियन यूनिट की बिजली प्रति वर्ष पैदा होगी।

इसमें से 157 मिलियन यूनिट दोनों तटों पर प्रस्तावित फीडरों में जल डालने में व्यय होगा एवं शेष 258 मिलियन यूनिट कामर्शियल उद्देश्य के लिए उपलब्ध होगी।

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