कामदगिरी पर्वत से धुआं उठते ही मचा हडकम्प,दुकानदार समेटने लगे सामान

खोही मार्ग की ओर से कामदगिरि पर्वत में आग लग गई। इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई, लेकिन एक घंटे तक फायर...

कामदगिरी पर्वत से धुआं उठते ही मचा हडकम्प,दुकानदार समेटने लगे सामान

खोही मार्ग की ओर से कामदगिरि पर्वत में आग लग गई। इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई, लेकिन एक घंटे तक फायर ब्रिगेड नहीं पहुंची। स्थानीय लोगों ने किसी तरह आग बुझाई।

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सोमवार की दोपहर खोही-पीलीकोठी मार्ग के पास परिक्रमा मार्ग के कामदगिरी पर्वत से धुआं उठते लोगों ने देखा। इससे श्रद्धालुओं और आसपास के लोगों में हलचल मच गई। पर्वत की ओर दुकान लगाने वाले डेरा समेटने लगे।स्थानीय लोगों ने मिलकर एक घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पा लिया। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और सुलग रही आग बुझाई।

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चित्रकूट का सबसे महत्वपूर्ण स्थान कामदगिरि है। रामघाट से स्नान करने के बाद अधिकतर लोग कामदगिरि के मुख्य दरवाजे पर आते हैं और यहीं से परिक्रमा प्रारम्भ करते हैं। यात्रा रामघाट से प्रारम्भ होती है। रामघाट वह घाट है जहां प्रभु राम नित्य स्नान करते थे। इसके दर्शन और परिक्रमा मात्र से दर्शनार्थी -श्रद्धालु के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं।

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इसीलिये इसे कामदगिरि कहते हैं। इस गिरिराज का यों तो महत्व अनादिकाल से चला आ रहा है लेकिन भगवान राम द्वारा वनवास अवधि में लघु भ्राता लक्ष्मण और जनक नंदिनी सीता के साथ यहां प्रवास करने पर इसकी महत्ता और बढ़ गयी।

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