12 साल की उम्र में घर छोड़कर अशोक से बना आनंद गिरी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में पुलिस आनंद गिरी से पूछताछ कर रही है..

12 साल की उम्र में घर छोड़कर अशोक से बना आनंद गिरी
आनंद गिरी (Anand Giri)

  • आस्ट्रेलिया में छेड़छाड़ के मामले में हो चुकी थी गिरफ्तारी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में पुलिस आनंद गिरी से पूछताछ कर रही है। नरेन्द्र गिरी के शिष्य अमर गिरी पवन महाराज ने आनंद गिरी के खिलाफ जार्ज टाउन में मुकदमा दर्ज कराया है।

पुलिस की पूछताछ में आनंद गिरी बार-बार यह कह रहा है कि उसे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। फिलहाल आनंद गिरी पुलिस की गिरफ्त में है। इन सबके बीच अब आनंद गिरी के परिवार और जन्मस्थान को लेकर सवाल उठने लगा। आनंद कहां का रहने वाला है। वो महंत कैसे बना और उसकी महंत नरेंद्र गिरी से कैसे मुलाकात हुई । इन सब सवालों को लेकर पुलिस के हाथ कुछ जानकारियां निकली है। हालांकि इसको लेकर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।

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  • आनंद का असली नाम अशोक

पुलिस पूछताछ में अभी तक आनंद गिरी के बारे में जो जानकारी निकल कर सामने आई है वो यह है कि उसका असली नाम अशोक है। वह मूलरुप से राजस्थान के भीलवाड़ा में आसींद क्षेत्र के सरेरी गांव के निवासी हैं। उनके पिता का नाम रामेश्वर लाल चोटिया है और वे अपने चार भाइयों में सबसे छोटे हैं।

  • 12 साल में घर छोड़ा

आनंद गिरी के बारे में यह कहा जा रहा है कि वर्ष 1997 में 12 साल की उम्र में अपना घर त्याग कर हरिद्वार चले गए थे। उसी दौरान उनकी भेंट महंत नरेन्द्र गिरी से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्हें शिक्षा-दीक्षा दिलवायी। इसके बाद वर्ष 2012 में आनंद अपने परिवार से मिले। महंत नरेन्द्र गिरी ने परिवार के सामने ही आनंद को दीक्षा दिलवायी। बाद में उनका नाम अशोक से आनंद गिरी हो गया।

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  • मां की मौत पर गांव आये थे आनंद

पांच महीने पहले मां की मौत की खबर जब आनंद को मिली तो वह अपने गांव पहुंचे थे। यहां के ग्रामीणों का दावा है कि दीक्षा लेने के बाद आनंद सिर्फ दो बार ही अपने गांव आये हैं। जब वे अपनी मां के देहांत पर आये थे तो यहां के गांव वालों ने उनका बड़ा सेवा सत्कार किया था।

  • दो भाई सूरत में करते हैं काम

ऐसी जानकारी है कि आनंद गिरी ब्राह्मण परिवार से हैं। उनके पिता किसान हैं और तीन भाईयों में दो भाई सूरत में कबाड़ का काम करते हैं। जबकि एक भाई पिता के साथ किसानी में हाथ बंटाता है और समय-समय पर सब्जी का ठेला भी लगाता है।

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  • आस्ट्रेलिया में गिरफ्तार हुए थे आनंद गिरी

पुलिस के मुताबिक, यह पूरा मामला वर्ष 2016 और 2018 का है, जब आनंद गिरि महंत नरेन्द्र के शिष्य हुआ करते थे। वे जब आस्ट्रेलिया में थे तब उन पर होटल के कमरे में दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और महिलाओं से मारपीट के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ महिलाओं ने शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था। महंत नरेन्द्र गिरी के कहने पर ही वो वहां से छोड़े गए थे। इसको लेकर भी महंत और मठ की बदनामी हुई थी।

  • काफी पुराना विवाद

मठ के संतो व शिष्यों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि से आनंद का काफी पुराना विवाद है। इसका कारण बाघंबरी गद्दी की तीन सौ वर्षों पुरानी वसीयत है, जिसे नरेंद्र गिरि संभाल रहे थे। आरोप है कि कुछ साल पहले आनंद ने नरेंद्र गिरि पर गद्दी की आठ बीघा जमीन 40 करोड़ में बेच दी थी। इसके बाद महंत ने उनसे सारे रिश्ते खत्म कर लिये थे और तब से दोनों में विवाद चल रहा था ।

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हि.स

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