बाँदा: खनिज विभाग कर रहा है खानापूर्ति धड़ल्ले से हो रहा है अवैध खनन

जनपद के सभी बालू खदानों में खनिज विभाग की मिलीभगत से अवैध खनन खनन का सिलसिला जारी है..

बाँदा: खनिज विभाग कर रहा है खानापूर्ति धड़ल्ले से हो रहा है अवैध खनन

जनपद के सभी बालू खदानों में खनिज विभाग की मिलीभगत से अवैध खनन खनन का सिलसिला जारी है।

खानापूर्ति के लिए विभाग द्वारा कुछ ओवरलोड ट्रकों को पकड़कर कार्रवाई की जाती है। ताकि शासन प्रशासन की नजर में अवैध बालू खनन व ओवर लोडिंग के खिलाफ कार्रवाई पता चलती रहे।

पैलानी तहसील अंतर्गत ग्राम बेंदा खदान खंड संख्या 2 साई ईट उद्योग व बांदा बांदा जौहरपुर खंड संख्या 3 सहित जनपद के अधिकांश बालू खदानों में अवैध बालू खनन होता है और दिन रात ओवरलोड बालू से भरे ट्रक गांवों के बीच से होकर गुजरते हैं आए दिन राहगीरों को दुर्घटना का शिकार बनाते हैं और क्षेत्रीय पुलिस देख कर भी मूक दर्शक बनी रहती है।

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नीचे से ऊपर तक बालू से भरे ट्रक सुबह से कतार में खड़े हुए देखे जा सकते हैं।

कनवारा की बालू खदान में दिन रात पोकलेन मशीन से बीच जलधारा से बालू निकालकर अवैध खनन किया जा रहा है।खनिज विभाग अगर चाहे तो इन ओवरलोड ट्रकों को कभी भी पकड़ा जा सकता है एक नहीं एक सैकड़ा तक ट्रकों की कतार लगी रहती है।हर ट्रक ओवरलोड रहता है 

भगवान जाने खनिज अधिकारी को ओवरलोड ट्रक क्यों नजर नहीं आते हैं और नदी की धारा से बालू निकालने और मशीन चलने की आवाज उनके कानों तक क्यों नहीं पहुंचती है। इसका सीधा सा अर्थ है कि विभाग और खनन माफियाओं के बीच सांठगांठ है जिससे डीएम का आदेश मिलने पर खनिज अधिकारी मात्र खानापूर्ति कर कार्रवाई करने का ढिंढोरा पीटते हैं।

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कमोवेश यही हाल पैलानी थाना क्षेत्र के खंड संख्या 4 का है जहां रोक के बावजूद

प्रतिबंधित पोकलैंड मशीन से नदी की जलधारा से खुलेआम बालू का खनन कर जलीय जंतुओं की हत्या की जा रही है लेकिन यह सब न पुलिस को नजर आता है और न खनिज विभाग को दिखाई देता है।

इसी तरह विभाग की मिलीभगत से राजस्व की चोरी भी की जा रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खदान में रायल्टी 23700 रुपये 12 चक्का 25700 रुपये,14 चक्का हैं 27700 रुपये हैं। इसके साथ ही 300 रुपया अबैध तरीके से तहबाजारी के जिला पंचायत के नाम पर लिया जाता हैं। ट्रक चालकों की मानें तो खदान का सरकारी रवन्ना 422 रुपये घन मीटर निर्धारित हैं। एक ओवरलोड ट्रक में 80 से 100 टन बालू आती हैं। इस तरह प्रति घन मीटर बिना रायल्टी एनआर ट्रकों में रोजाना राजस्व चपत लगाई जाती है।

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ऐसे खनन पट्टाधारक किसी भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

जिले में मची बालू लूट के बीच खनन पट्टाधारक व बालू माफिया एनजीटी और शासनदेशों का उल्लंघन कर बालू खनन कराने में जुटे हैं।

ज्यादातर बालू खदानों से बगैर रवन्ने के ओवरलोड ट्रक निकाले जा रहे हैं। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए खनिज विभाग और प्रशासनिक टीम लगातार कार्यवाही का ढिढोरा पीट रही है वही खनिज कारोबारी बाज नहीं आ रहे हैं।

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