दमोह में भी जारी रहेगी भारतीय जनता पार्टी की विजय यात्रा
मध्यप्रदेश में एक बात बिल्कुल साफ है कि यहां की जनता ने उन लोगों का समर्थन किया है, जिन्होंने कमलनाथ सरकार की जनविरोधी नीतियों..
![दमोह में भी जारी रहेगी भारतीय जनता पार्टी की विजय यात्रा](https://www.bundelkhandnews.com/uploads/images/2021/03/image_750x_6051fc94357f3.jpg)
मध्यप्रदेश में एक बात बिल्कुल साफ है कि यहां की जनता ने उन लोगों का समर्थन किया है, जिन्होंने कमलनाथ सरकार की जनविरोधी नीतियों और कुशासन का विरोध किया था।
28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को मिली जबर्दस्त जीत इसका प्रमाण है और यही कहानी दमोह विधानसभा उपचुनाव में दोहराई जाएगी।
दमोह के तत्कालीन विधायक ने भी कमलनाथ सरकार के दौरान प्रदेश की दुरावस्था देखकर कांग्रेस और विधायक पद से इस्तीफा दिया था और भाजपा की विजययात्रा यहां भी जारी रहेगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने दमोह विधानसभा उपचुनाव कराए जाने के निर्वाचन आयोग के निर्णय का स्वागत करते हुए कही।
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- पार्टी और कार्यकर्ता पूरी तरह तैयार हैं
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का जहां तक प्रश्न है तो उसके कार्यकर्ता साल के 365 दिन चौबीसों घंटे जन सेवा के लिए तत्पर रहते हैं, इसलिए समाज में भाजपा के प्रति पहले से सकारात्मक वातावरण बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं तक केंद्र और राज्य सरकारों के जनकल्याणकारी कार्यों को पहुंचाया है और उन कार्यकर्ताओं के माध्यम से जनता इन योजनाओं, कार्यक्रमों से जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी के स्तर पर हमारी सभी चुनावी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
आने वाले उपचुनाव के लिए हमारे कार्यकर्ता कमर कसकर तैयार हैं। शर्मा ने कहा कि दमोह का उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए इसलिए भी आसान है, क्योंकि दमोह की जनता ने कमलनाथ सरकार के 15 महीने के काले कारनामों को देखा है और यह भी देखा है कि कोरोना संकट के बावजूद शिवराज जी की सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ किस तरह जन कल्याण के कामों को किया है।
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- कांग्रेस मतिभ्रम की शिकार
शर्मा ने कहा कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो मध्यप्रदेश में पूरी पार्टी मतिभ्रम की शिकार है, बंटी हुई है। कांग्रेस में जिस तरह से गोडसे के समर्थकों का विरोध करने वालों को दबाया जा रहा है, उससे लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वह गांधी के अनुयाई हैं या गोडसे के समर्थक हैं।
एक तरह से पूरी कांग्रेस गांधी और गोडसे के मुद्दे पर चल रहे शीतयुद्ध में उलझी हुई है। कांग्रेस के तमाम नेता कमलनाथ के विरुद्ध खुलकर सामने आ गए हैं और कहा जा रहा है कि ऐसे तमाम नेताओं को दिग्विजय सिंह हवा दे रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि इन विकट हालातों में यह तय नहीं है कि कांग्रेस चुनाव के मैदान में लड़ेगी या पार्टी फिर पार्टी के भीतर पैदा हो रही चुनौतियों से लड़ेगी।
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हि.स
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