कीर्तिमान : उत्तर प्रदेश के हैलट अस्पताल में पहली बार हुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांट

गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में पहली बार रीजेनरेटिव मेडिसिन के जरिए ऑटोलोगस बोन..

कीर्तिमान : उत्तर प्रदेश के हैलट अस्पताल में पहली बार हुआ बोन मैरो ट्रांसप्लांट
हैलट अस्पताल उत्तर प्रदेश (Halat Hospital Uttar Pradesh)

कानपुर,

  • उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज में अभी तक नहीं हुआ इस तरह का बोन मैरो ट्रांसप्लांट

गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में पहली बार रीजेनरेटिव मेडिसिन के जरिए ऑटोलोगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया है। यहां पर पीड़ित पांच वर्षीय का सफल ट्रांसप्लांट मुंबई के विशेषज्ञ डा. वीएस राजपूत की देखरेख में हुआ। यही नहीं अब डा. राजपूत प्रत्येक माह के तृतीय मंगलवार को कानपुर के हैलट अस्पताल में निशुल्क अपनी सेवाएं देंगे।

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हैलट में रीजेनरेटिव मेडिसिन के जरिए ऑटोलोगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट शुरू हो गया है। अस्पताल के डाक्टरों ने सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चे में बोन मैरो ट्रांसप्लांट कर राहत देने का प्रयास किया है। रीजेनरेटिव मेडिसिन के जरिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने हैलट में बोन मैरो ट्रांसप्लांट व स्टेम सेल तेरे पीछे लाइलाज बीमारियों से राहत देने की कवायद शुरू की है। मुंबई के विशेषज्ञ चिकित्सक एवं जीएसवीएम की विजिटिंग फैकल्टी डॉक्टर बी एम राजपूत ने हैलट के सर्जरी विभाग में लाइलाज बीमारियों से ग्रसित करीब आधा दर्जन रोगियों का परीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने सेरेब्रल पैल्सी से पीड़ित होने की वजह से चलने फिरने खाने पीने में असमर्थ गुमटी के पांच साल के बच्चे को बोन मैरो थेरेपी के जरिए राहत देने के लिए चिन्हित किया। प्राचार्य प्रोफेसर डॉ संजय काला व सर्जरी विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर जीडी यादव की मौजूदगी में डॉक्टर बी एम राजपूत एवं एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष एसोसिएट प्रोफेसर डॉ चंद्रशेखर ने बच्चे की कूल्हे की हड्डी से विशेष प्रोसीजर के बोन मैरो ट्रांसप्लांट का पहला चरण पूरा कर डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ गणेश शंकर के मुताबिक रीजेनरेटिव मेडिसिन के तहत हैलट में लाइलाज बीमारियों से रोगियों को राहत देने के लिए प्रत्येक माह के तीसरे मंगलवार को डा. राजपूत बैठेंगे।

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  • क्या होता है बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन

बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन(बीएमटी) या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक प्रक्रिया है जिसमें रोग ग्रस्त या क्षतिग्रस्त बोन मेरो के स्थान पर एक स्वस्थ रक्त उत्पादक बोन मेरो को प्रतिस्थापित किया जाता है। इसकी आवश्यकता तब पड़ती है जब आपकी बोन मेरो ठीक तरह से काम करना बंद कर दे और पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ रक्त कोशिकाओ का उत्पादन ना करे।

बोन मेरो ट्रांसप्लांट दो तरह से होता है एक तो जिसे बोन मेरो ट्रांसप्लांट किया जाना है उसी के अपने शरीर से रक्त कणिकाएं लेकर उनका प्रत्यारोपण और दूसरा किसी दूसरे के शरीर से रक्त कणिकाएं लेकर उनका प्रत्यारोपण। पहले प्रकार को ऑटोलोगस ट्रांसप्लांट और दूसरे प्रकार को एलोजेनिक ट्रांसप्लांट कहते हैं। कानपुर के हैलट अस्पताल में पहले प्रकार का ट्रांसप्लांट किया गया है।

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हि.स

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