बुंदेलखंड आजाद सेना ने पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए फिर भरी हुंकार, करेंगे विधानसभा में प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के दो भागों में बंटे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि इस क्षेत्र का समग्र विकास, दोनों राज्य ..

बुंदेलखंड आजाद सेना ने पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए फिर भरी हुंकार, करेंगे विधानसभा में प्रदर्शन

बांदा,

बुंदेलखंड आजाद सेना ने सोमवार को एक बार फिर पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए हुंकार भरते हुए अल्टीमेटम दिया है कि अगर बुंदेलखंड को पृथक राज्य घोषित नहीं किया जाता है। तो आजाद सेना आंदोलन की शुरुआत उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने प्रदर्शन करके करेगी। यह प्रदर्शन 9 जनवरी 2023 को होगा।

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बुंदेलखंड आजाद सेना के केंद्रीय अध्यक्ष प्रमोद आजाद, प्रांतीय अध्यक्ष जयप्रकाश शिवहरे, केंद्रीय महासचिव मुकेश कुमार निषाद, मंडल अध्यक्ष राम लखन यादव व जिला अध्यक्ष विद्या भाई के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को संबोधित एक मांग पत्र जिला अधिकारी के माध्यम से भेजा गया। इस बारे में केंद्रीय अध्यक्ष प्रमोद आजाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के दो भागों में बंटे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि इस क्षेत्र का समग्र विकास, दोनों राज्य करने में अक्षम है। हालांकि दोनों राज्यों ने इस समस्या के समाधान के लिए बुंदेलखंड विकास परिषद का गठन कर रखा है। जो केवल औपचारिक और खानापूर्ति तक ही सीमित है। 

यूपी के हिस्से वाले जिला बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, झांसी, जालौन और ललितपुर मध्य प्रदेश के हिस्से वाले जिलों में सागर, दमोह, दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर पन्ना आदि जिले आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े हुएं है। यहां बेरोजगारी, भुखमरी, पलायन व आर्थिक तंगी आदि समस्याएं हैं। इन समास्याओं का सिर्फ प्रस्तावित जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड राज्य का गठन कर समाधान से ही निकाला जा सकता है। बुंदेलखंड आजादी के पूर्व से ही आजाद स्वतंत्र एवं सशक्त राज्य था। जिसकी राजधानी ओरछा थी। 12 मार्च 1948 को बुंदेलखंड राज्य अस्तित्व में आया लेकिन 31 अक्टूबर 1956 को इस राज्य को दोनों क्षेत्रों में बैठकर समाप्त कर दिया गया । बुंदेलखंड राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.कामता प्रसाद सक्सेना थे । 

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उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड राज्य की मांग 1989 से ही जोर पकड़ रही है। जिसकी अलख स्वर्गीय शंकरलाल मेहरोत्रा ने जगाई थी। बुंदेलखंड अनेकों सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए हैं।  बुंदेलखंड की आबादी करीब 4 करोड़ और क्षेत्रफल लगभग 70,747 वर्ग किलोमीटर है। ऐसी दशा में बुंदेलखंड की भौगोलिक सांस्कृतिक आर्थिक ऐतिहासिक सहित अन्य सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बुंदेलखंड का अलग राज्य गठन किया जाना आवश्यक है। इसी तरह केंद्रीय महासचिव मुकेश कुमार निषाद ने बताया कि शीघ्र अगर सरकार बुंदेलखंड राज्य की घोषणा नहीं करती है तो 9 जनवरी 2023 को उत्तर प्रदेश विधानसभा लखनऊ के सामने सेना द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा और बुंदेलखंड को अलग राज्य का गठन करने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा।

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