बुन्देलखण्ड में देश का दूसरा राष्ट्रीय स्तर का संक्रामक रोग रिसर्च सेंटर बनेगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। जहां उनके ही प्रयास से जेवर...

बुन्देलखण्ड में देश का दूसरा राष्ट्रीय स्तर का संक्रामक रोग रिसर्च सेंटर बनेगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। जहां उनके ही प्रयास से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है वही बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर के बाद बांदा में राष्ट्रीय स्तर के संक्रामक रोग प्रयोगशाला व रिसर्च अनुसंधान केंद्र स्थापित कराने में अहम भूमिका अदा की,  इस सेंटर की स्थापना के लिए कल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सिमौनी धाम का दौरा किया था।  

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन यहां सिमौनी धाम में आयोजित मेले व भंडारे में भाग लेने के बाद राष्ट्रीय संक्रामक रोग रिसर्च सेंटर व प्रयोगशाला के लिए भूमि का स्थलीय मुआयना भी किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि यहां बीएस4 प्रयोगशाला रिसर्च अनुसंधान व केंद्रीय संक्रामक रोग संस्थान खोले जाने की योजना है।यह देश के दूसरे नंबर की प्रयोगशाला संस्थान होगा। पहला संस्थान पुणे महाराष्ट्र में है इससे न सिर्फ बुंदेलखंड बल्कि देश व प्रदेश को लाभ मिलेगा।

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वही इस प्रस्तावित सेंटर के बारे में राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रधानाचार्य डॉ मुकेश यादव ने बताया कि यह राष्ट्रीय संक्रामक रिसर्च सेंटर अस्पताल के रूप में होगा जिसमें स्थानीय जनता को इलाज की सुविधा भी मिलेगी।उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोनावायरस से समूचा विश्व लड़ रहा है ठीक इसी तरह से येलोवा व मंगोला जैसे घातक वायरस भविष्य में फैल सकते हैं। इनसे निपटने के लिए इस रिसर्च सेंटर का की स्थापना की जा रही है।संक्रामक रोगों से निपटने के लिए यहां अनुसंधान होंगे और यह सेंटर हाईटेक होगा। इसके बनने से बांदा की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर होगी।बताया कि बीएस 4 प्रयोगशाला बहुत कम होती है। सिमौनी में इसके बन जाने से संक्रामक रोगो की पहचान व इलाज के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा।

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बताया जाता है कि पिछले माह दिल्ली से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बांदा के सिमौनी धाम आई थी और जमीन का निरीक्षण के अलावा अन्य जरूरी चीजों का अध्ययन करने कर रिपोर्ट मंत्रालय को दी थी।इसके बाद यहां पर प्रयोगशाला और अनुसंधान खोलने का निर्णय लिया गया है।इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से प्रस्ताव भेज बनाकर भेजने को कहा है।

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