चित्रकूट : कामदगिरि पर्वत पर गंदे जानवर के विचरण से करोड़ों हिन्दुओं की आस्था पर लग रही चोट
आदि तीर्थ के रूप में समूचे विश्व में विख्यात भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट करोड़ों हिन्दुओं की श्रद्धा..
यूपी-एमपी सरकार के प्रति साधु-संतों और श्रद्धालुओं में बढ़ रहा आक्रोश
आदि तीर्थ के रूप में समूचे विश्व में विख्यात भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट करोड़ों हिन्दु
ओं की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय साढ़े 11 वर्ष चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत पर ही तपस्या कर ऋषि मुनियों से आसुरी शक्तियों से विजय हासिल करने की शक्तियां प्राप्त की थी।
चित्रकूट से जाते समय भगवान श्री राम ने कामदगिरि पर्वत को मनोकामना पूरक होने का वरदान दिया था।पर्वत की महिमा का उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में "कामद भे गिरि राम प्रसादा, अवलोकत अप हरत विषादा" यानी ऐसा अलौकिक पर्वत जिसके अवलोकन मात्र से सारे विसाद दूर हो जाये।
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पूरे पर्वत को ही भगवान के स्वरूप में पूजा जाता है। लाखों श्रद्धालु प्रति माह अमावस्या पर चित्रकूट पहुंच कर इसी पवित्र कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते है। इतना ही नहीं मनौती पूर्ण होने पर हजारों श्रद्धालु पर्वत की लेटी परिक्रमा लगाते है।
करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र होने के बावजूद यह देव स्वरूप पर्वत यूपी-एमपी शासन-प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। लापरवाही इस कदर हावी है कि पर्वत पर स्वच्छंद रूप से दर्जनों गंदे जानवर विचरण कर रहे है। जिससे धर्म नगरी की पवित्रता पर ग्रहण लग रहा है।
कामता नाथ प्राचीन मुखार बिंद मंदिर के पुजारी रोहित महाराज ने कामदगिरि पर्वत पर गंदे जानवरों (सुअरों) के स्वच्छंद विचरण पर कड़ी नाराजगी जताते हुए यूपी-एमपी सरकार से गंदे जानवर की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। साथ ही करोड़ों हिन्दुओं की श्रद्धा और आस्था के साथ खिलवाड़ न करने की हिदायत दी है।
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व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष ओम केशरवानी का कहना है आस्था के केंद्र मनोकामनाओं के पूरक कामदगिरि पर्वत पर सुअरो का स्वछंद विचरण हिन्दुओं की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
इस मामले में चित्रकूट के जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय का कहना है कि किसी को भी धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जायेगा। प्रभु श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट की स्वच्छता और पवित्रता को बनाये रखना प्रशासन के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि कामदगिरि पर्वत करोड़ों लोगों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है।
सदर एसडीएम और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को कामदगिरि पर्वत पर विचरण पर प्रभावी रोकथाम के आदेश दिए गये है। रोक के बावजूद गंदे जानवर पर्वत पर नजर आने पर संबंधित सुअर पालकों के विरुद्ध कार्यवाई की जायेगी।
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हि.स