बांदा के 231 गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसे का व्यापक प्रबंध

जनपद बांदा में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से 231 गो-आश्रय स्थलों की स्थापना..

बांदा  के 231 गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसे का व्यापक प्रबंध
बाँदा गोवंश आश्रय स्थल

जनपद बांदा में निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से 231 गो-आश्रय स्थलों की स्थापना एवं संचालन का कार्य किया जा रहा है जिनमें 224 ग्रामीण क्षेत्र में तथा 07 शहरी क्षेत्र में है। इन 231 गो-आश्रय स्थलों में अद्यतन 38836 गोवंश को सरक्षित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री जी की सहभागिता योजना के अन्तर्गत 490 गोवंश को पशुपालकों को सुपुर्दगी में दिया गया है।

संरक्षित गोवंश को समुचित सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके भरण-पोषण हेतु स्थानीय स्तर पर भूसा की व्यवस्था ससमय करना एक प्राथमिकता है ताकि गोवंश को समय पर चारा उपलब्ध हो सके तथा उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़ें। शासन द्वारा समय समय पर दिए गये महत्वपूर्ण निर्देशों के क्रम में जनपद में गेहूॅ की कटाई के समय युद्ध स्तर पर 10 .भूसा बैंक की स्थापना की गयी है।

यह भी पढ़ें - बुन्देलखण्ड में भी पहुंचा ब्लैक फंगस, झांसी में पांच मरीज मेले

भूसा बैंक की स्थापना के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि आगामी वर्षा ऋतु के समय पानी से भूसा किसी भी दशा में खराब न हो। इसके साथ ही साथ प्रत्येक गोआश्रय स्थल पर प्रतिदिन की भूसे की आवश्यकता के अनुसार निर्गत करने एवं उसके अभिलेखीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

यह जानकारी पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डा0 एस0 के0 मलिक ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद में स्थापित 10 भूसा बैंक में कुल 23220 कुन्तल भूसे का भण्डारण है जिसमें से 23170 कुन्तल राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली गोवंश के भरण-पोषण की धनराशि से क्रय किया गया है तथा 50 कुन्तल दान में प्राप्त हुआ है।

यह भी पढ़ें - बाढ से पहले बांदा में प्रशासन ने कमर कसी, बाढ चैकियों का होगा सत्यापन

भूसा क्रय एवं भण्डारण का कार्य क्रमित है ताकि वर्षा ऋतु से पूर्ण अधिक से अधिक भूसा भण्डारण किया जा सके। जनपद में गोवंश के भरण-पोषण हेतु पर्याप्त मात्रा में भूसे की उपलब्धता है तथा स्थानीय स्तर पर हरे चारे की उपलब्धता हेतु भी कार्य किए गये है। जनपद में गोवंश के संरक्षण हेतु किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है।

यह भी अवगत कराना है कि पशुपालन विभाग के समस्त पशुचिकित्साविद् निरन्तर गोवंश की चिकित्सा व्यवस्था हेतु तत्पर है। सभी गौ आश्रय स्थलों पर भूसा/पानी/छाया गर्मी से बचाव के सभी उपाय किए गये है। गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन में सभी विभागों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है। जिला प्रशासन के सहयोग से जनपद बांदा के सभी गौ आश्रय स्थलों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें - सांसद आरके सिंह पटेल व सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने बाजार में कराया सैनिटाइजेशन

What's Your Reaction?

like
1
dislike
0
love
1
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1