बुन्देलखण्ड में कोरोना की रफ्तार पडी धीमी, 92 फीसद पहुंचा रिकवरी रेट 

सूखा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बुंदेलखंड का बहुत पुराना नाता है लेकिन मौजूदा समय में बुंदेलखंड सहित पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से लड़ रहा है।

बुन्देलखण्ड  में कोरोना की रफ्तार पडी धीमी, 92 फीसद पहुंचा रिकवरी रेट 
Corona Update Bundelkhand

सातों जनपदों में चित्रकूट अव्वल, हमीरपुर दूसरे व झांसी तीसरे स्थान पर

सूखा, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बुंदेलखंड का बहुत पुराना नाता है। लेकिन मौजूदा समय में बुंदेलखंड सहित पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से लड़ रहा है। सीमित संसाधनों के बाद भी बुंदेलखंड का औसतन रिकवरी रेट 89 फीसद है। चित्रकूट जनपद का कोरोना रिकवरी रेट बुंदेलखंड के अन्य जनपदों में सबसे बेहतर है। हमीरपुर दूसरे और झांसी जिला तीसरे स्थान पर है।

यह भी पढ़ें - बांदा मेडिकल कॉलेज में दो डॉक्टरों समेत 34 मिले संक्रमित

जहां एक तरफ बुंदेलखंड में कोरोना वायरस का ग्राफ बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कोरोना को मात दे रहे मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इससे बुंदेलखंड के रिकवरी रेट में काफी सुधार आया है।

चित्रकूट में अब तक कोरोना के 1372 मरीज मिले हैं। जिसमें 1263 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।इसका रिकवरी रेट सर्वाधिक 92 प्रतिशत है। हमीरपुर में 1107 में से 1009 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। यहां रिकवरी रेट 91 फीसदी है। इसी तरह झांसी जनपद में 7503 पाजिटिव केस मिले हैं। 6782 मरीजों के ठीक होने के बाद रिकवरी रेट 90 फीसद से अधिक है।

यह भी पढ़ें - दशहरा, दिवाली और छठ त्‍योहारों के सीजन में रेलवे चलाएगी 200 और ट्रेनें

चित्रकूट मंडल के महोबा जिले में 895 मरीजों में 795 डिस्चार्ज होकर घर लौट आए हैं। महोबा का रिकवरी रेट 89 प्रतिशत हो गया है। बांदा में 2148 में 1850 मरीज स्वस्थ् हो गए हैं। यहां का रिकवरी रेट 86 फीसद है। इसी तरह झांसी मंडल के ललितपुर में 2602 मरीज मिल चुके हैं। 2287 मरीजों के डिस्चार्ज होने पर यहां का रिकवरी रेट 87.54 प्रतिशत है। जालौन में 2364 में 2938 मरीजों के ठीक होने के बाद यहां का रिकवरी रेट 86 फीसद पहुंच गया है।

चित्रकूटधाम मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.आरबी गौतम का कहना है कि कोरोना मरीजों में बढ़ोत्तरी के साथ ही रिकवरी रेट में सुधार दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों के बाद भी स्वास्थ्य टीमों के लगातार सर्विलांस तथा फीडबैक की वजह से हालातों पर काबू पाया जा सका है। मंडलीय परियोजना प्रबंधक आलोक कुमार ने भी स्वास्थ्य टीमों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की है।

यह भी पढ़ें - छत पर चढ़ी गाय, नीचे कूदी तो ले ली किसान की जान

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0