दमोहःपूर्व विधायक उमादेवी खटीक को भाजपा ने तीसरी बार प्रत्याशी बनाया

भाजपा ने शनिवार को अपनी सूची जारी कर दमोह जिले की बची हुई तीन विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जिसमें दमोह से जयंत ...

दमोहःपूर्व विधायक उमादेवी खटीक को भाजपा ने तीसरी बार प्रत्याशी बनाया

भाजपा ने शनिवार को अपनी सूची जारी कर दमोह जिले की बची हुई तीन विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जिसमें दमोह से जयंत मलैया, हटा विधानसभा से पूर्व विधायक उमा देवी खटीक और जबेरा से वर्तमान विधायक धर्मेंद्र लोधी को भाजपा ने बनाया अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि इसके पहले पथरिया विधानसभा से लखन पटेल को प्रत्यासी घोषित किया गया था। उमादेवी खटीक विधायक बनने के पहले शिक्षिका थीं और इस्तीफा देकर उन्होंने विधायक का चुनाव लड़ा था। तीसरी बार भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है।

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2018 विधानसभा चुनाव में दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया को 798 वोटों से चुनाव हरा दिया था। लेकिन 2021 में हुए उपचुनाव तक पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को लेकर दमोह की जनता का भाव उनके पक्ष में दिखने लगा था। हटा विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा प्रत्याशी पीएल तंतवाय ने करीब 20,000 वोटों से चुनाव जीता था, लेकिन इसके बाद भी इस बार उनका टिकट काट दिया गया है। जिसके पीछे कई राजनीतिक कारण हो सकते हैं। यहां से एक बार फिर दो बार से विधायक रह चुकी उमा देवी खटीक को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वही जबेरा विधानसभा से वर्तमान विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी का टिकट कटने की संभावना चल रही थी। लेकिन पार्टी ने आखिरकार उन्हें ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। यहां पर पिछली बार बागी होकर चुनाव लड़ने वाले राघवेंद्र सिंह लोधी को कुछ दिन पहले ही भाजपा ने अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी और उस समय यह कयास लगाए जा रहे थे कि शायद राघवेंद्र सिंह लोधी को भाजपा टिकट दे सकती है, लेकिन अंत में धर्मेंद्र सिंह लोधी के टिकट पर मोहर लगी है।

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दमोह विधानसभा प्रत्याशी पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया 1971 से राजनीति में सक्रिय रहे। 1980 से 82 तक भाजपा के नगर अध्यक्ष। 1982 से 87 तक भाजपा जिलाध्यक्ष। 1984, 90, 93, 98, 03, 2008 और 2013 में भाजपा से दमोह विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। प्रदेश सरकार में कई बार महत्वपूर्ण मंत्री पदों पर भी रह चुके हैं। वर्तमान में भाजपा की चुनाव घोषणा पत्र समिति के प्रमुख हैं। दमोह विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी वर्तमान विधायक अजय सिंह टंडन पहले भी कांग्रेस की तरफ से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि हर  बार उन्हें भाजपा की तरफ से जयंत मलैया ने ही हराया है। टंडन ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1998 में लड़ा इस दौरान उन्हें 40485 वोट मिले थे। जब भाजपा प्रत्याशी रहे जयंत मलैया को 45891 वोट मिले थे। इसके बाद टंडन को 2003 में कांग्रेस ने एक बार फिर उम्मीदवार बनाया। लेकिन फिर से मलैया ने उन्हें 12321 वोट से हरा दिया। इस चुनाव में अजय टंडन को 45386 वोट मिले थे जबकि जयंत मलैया को 57707 वोट मिले थे।

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जबेरा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी बचपन से ही स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। संघ के कई प्रशिक्षण वर्गों को में शामिल हुए। भाजपा में जिला महामंत्री के पद पर रहे। 2018 में पार्टी ने टिकट दिया। चुनाव जीत कर विधायक बन गए।

हटा विधानसभा की भाजपा प्रत्याशी और पूर्व विधायक उमा देवी खटीक 2008 तक शासकीय शिक्षक रहीं। भाजपा से 2008 में पार्टी ने टिकट दिया और उन्होंने इस्तीफा देकर हटा से चुनाव लड़ा और विधायक बनी। दोबारा 2013 में फिर पार्टी ने टिकट दिया और यह फिर से चुनाव जीती, लेकिन 2018 में सर्वे में उनकी स्थिति ठीक ना होने के कारण पार्टी ने पीएल तंतवाय को प्रत्याशी घोषित कर दिया था।

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