बुन्देलखण्ड के मजदूरों का पलायन रोकने व रोजगार उपलब्ध कराने की मांग

असंगठित मजदूर मोर्चा ने बुन्देलखण्ड के मजदूरों का पलायन रोकने एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए पाठा पेयजल..

बुन्देलखण्ड के मजदूरों का पलायन रोकने व रोजगार उपलब्ध कराने की मांग
रोजगार उपलब्ध कराने की मांग..

असंगठित मजदूर मोर्चा ने बुन्देलखण्ड के मजदूरों का पलायन रोकने एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए पाठा पेयजल परियोजना, बरगढ़ ग्लास पैहृक्ट्री, कताई मिल व अतर्रा की राइस मिल चालू कराने की मांग की है।

इस सम्बन्ध में मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि बुन्देलखण्ड में सूखा और रोजगार के अभाव के कारण बांदा, चित्रकूट, महोबा, झांसी व ललितपुर जिले अत्यधिक प्रभावित हुए हैं।

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हर वर्ष हजारों दलित व आदिवासी परिवार अपने घरों में ताला लगाकर पलायन करते हैं। मानव तस्करों एवं क्षेत्रीय रिश्तेदार इन भूख से तड़पते लोगों को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, बरेली, रायबरेली, मैनपुरी, मथुरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, गोरखपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सूरज (गुजरात), हरियाणा राज्य के रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, हिसार, जिन्द, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र, भिवानी, महेन्द्रगढ़ और राजस्थान राज्य के झुंझनू, दौसा, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा एवं महाराष्ट्र के पुणे आदि जिलों के ईंटभट््ठा से लेकर मुर्गी फार्म, कृषि फार्म, खेतिहर कार्य तथा भवन निर्माण में हजारों परिवारों को धकेल दिया जाता है। जिसके कारण रोजगार के अभाव में बहुत कम मजदूरी पर उन्हें प्रवासी बनकर अन्य राज्यों में पलायन होने को मजबूर होना पड़ रहा है।

इन्हीं बाल एवं बंधुवा मजदूरों के साथ उनके आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए विगत कई वर्षों से बंधुवा मुक्ति मोर्चा एवं असंगठित मजदूर मोर्चा कार्य कर रहा है। पिछले पांच वर्षों के अन्दर चित्रकूट व बांदा जिले के हजारों दलित व बंधुवा मजदूरों को मुक्त करा चुका है। लेकिन मुक्त कराए गए मजदूरों का पुनर्वास नहीं हुआ है।

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जबकि बंधुवा मजदूरी अधिनियम-1976 के तहत मुक्त बंधुवा मजदूरों का पुनर्वास छह महीने के अन्दर होना चाहिए। पत्र में कहा गया है कि इनके पुनर्वास के लिए पाठा पेयजल परियोजना कर्वी, चित्रवूहृट में ग्लास फैक्ट्री, बांदा में कताई मिल और अतर्रा में राइस मिल चालू की जाए। साथ ही बुन्देलखण्ड में भुखमरी व बेरोजगारी को देखते हुए काम की जगहों पर मशीनरीकरण पर रोक लगाकर मजदूरों से काम लिया जाए।

ज्ञापन भेजने वालों में असंगठित मजदूर मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रमोद आजाद, अध्यक्ष कताई मिल मजदूर मोर्चा रामप्रवेश यादव, जागेश्वर प्रसाद, वर्षा गुप्ता, रामरती, कुन्ती देवी, प्रीति वर्मा, शिवकुमार, ओमप्रकाश, राममिलन, नाथूराम आदि शामिल रहे।

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