टाइगर की मौत के मामले में डिप्टी रेंजर एवं बीट गार्ड निलंबित

गत दिवस उत्तर वन मंडल पन्ना रेंज पन्ना के अंतर्गत तिलगुंवा बीट में एक वयस्क बाघ का फांसी के फंदे में लटकता...

टाइगर की मौत के मामले में डिप्टी रेंजर एवं बीट गार्ड निलंबित

पन्ना

गत दिवस उत्तर वन मंडल पन्ना रेंज पन्ना के अंतर्गत तिलगुंवा बीट में एक वयस्क बाघ का फांसी के फंदे में लटकता हुआ शव मिलने से जिले से लेकर प्रदेश तक हडकंप मचा हुआ है।प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसको लेकर भोपाल में आपातकालीन बैठक अधिकारियों की बुलाई थी। टाइगर की मौत के मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतना पाये जाने के कारण का डिप्टी रेंजर पन्ना अजीत खरे एवं बीट गार्ड अरूण त्रिवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

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यह जानकारी उत्तर वन मंडल के प्रभारी डीएएफओ बेनी प्रसाद ने बताया कि टाइगर की हत्या के मामले में एक नये तीसरे आरोपित का पता चला है कि जिसकी गिरफ्तारी के लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे है। शीघ्र उसको भी गिरफ्तार किया जायेगा। विभाग की जांच जारी है जांच अधिकारी के रूप में एसडीओ उत्तर वन मंडल दिनेश गौर को बनाया गया है जो इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर रहे हैं। दो आरोपितों को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

प्रभार पर चल रहा उत्तर वन मंडल

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उत्तर वन मंडल के डीएफओ गौरव शर्मा का स्थानांतरण कटनी हो गया था तब से उत्तर वन मंडल का प्रभार दक्षिण वन मंडल के डीएफओ के पास है, क्योंकि दक्षिण वन मंडल का ही बहुत बड़ा क्षेत्र है और उत्तर वन मंडल क्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार होने से मॉनीटरिंग में भी परेशानी होना स्वभाविक है। लिहाजा, व्यवस्थाएं एसडीओ के हवाले हैं। वे अक्सर फोन भी रिसीव नहीं करते कारण क्या है यह तो वही समझ सकते हैं, जबकि पन्ना टाइगर रिजर्व के एक दर्जन से अधिक बाघ उत्तर व दक्षिण वन मंडल के साथ बफर के जंगलों में घूमते हैं। उनकी सुरक्षा के समुचित प्रबंध तक नहीं हैं।

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सीसीएफ छतरपुर संजीव झा ने बताया कि करीब दो वर्ष की उम्र के इस नर बाघ की मौत तार के फंदे से हुई है। फंदा लगाने वाले शिकारियों की खोजबीन की जा रही है। इसके लिए डाग स्क्वाड का भी सहारा लिया जा रहा है। झा ने बताया कि भोपाल से एसटीएफ की टीम भी पन्ना आ रही है जो शिकार के इस मामले की तहकीकात करेगी।

बता दें, कि क्लच तार दो पहिया वाहनों के क्लच में उपयोग होता है और यह काफी मजबूत होता है। इससे फंदा लगाकर बाघों के शिकार के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।पन्ना टाइगर रिजर्व में 70 से भी अधिक बाघ हैं जो नए ठिकाने की तलाश में कोर व बफर क्षेत्र से बाहर टेरिटोरियल के जंगल पहुंच रहे हैं, जहां वे शिकारियों के जाल में फंस रहे हैं। 2009 में इस टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं बचा था।

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