जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर को अनैतिक ढंग से पुत्र पैदा करने को किया जा रहा था विवश

जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत के बाद कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। जिससे हाई प्रोफाइल हो चुके ..

Apr 29, 2022 - 03:00
Apr 29, 2022 - 07:06
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जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर को अनैतिक ढंग से पुत्र पैदा करने को किया जा रहा था विवश
श्वेता सिंह गौर को अनैतिक ढंग से पुत्र पैदा करने को किया जा रहा था विवश..

बांदा ब्रेकिंग,

जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत के बाद कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। जिससे हाई प्रोफाइल हो चुके इस मामले की गुत्थी उलझती जा रही है। अब एफआईआर से एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि ससुराल के लोग खासकर उनके पति द्वारा मृतका पर अनैतिक ढंग से बेटा पैदा करने का दबाव बनाया जा रहा था। इसके लिए उसे तरह-तरह प्रताड़ित किया जा रहा था। संभवत इन्हीं कारणों से श्वेता सिंह गौर ने मौत को गले लगा लिया।

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मृतका के भाई ओंकार सिंह ने कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि मेरी बहन के तीन बेटियां थी। ससुराल के लोग पुत्र न होने पर उन्हें तरह-तरह की ताने देते थे। इतना ही नहीं पुत्र  पैदा करने के लिए अनैतिक ढंग अपनाने को विवश किया जा रहा था। बहन ने इस बात की जानकारी मुझे व्हाट्सएप चैट व वीडियो के माध्यम से दी थी।

इस पर घटना के एक दिन पहले ही मैंने छोटे भाई मां और मौसी के साथ ससुराल पहुंच कर इस पर आपत्ति जताई थी। लेकिन दीपक सिंह गौर ने अपने पिता रिटायर्ड डीआईजी की धौंस दिखाते हुए कहा था कि मैं श्वेता को मारकर दूसरी शादी कर लूंगा और तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। पुलिस भी मेरा कुछ नहीं करेगी। 

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इस बात की पुष्टि मृतका की बेटियों ने भी की है। उनका कहना है कि पापा और दादी बेटा पैदा करने के लिए मां को प्रताड़ित करते थे और मारते पीटते थे। दोनों बच्चियों के मुताबिक, श्वेता को बाबा, दादी भी प्रताड़ित करते थे। बेटा न होने को लेकर अक्सर ताने देते थे। सोसाइटी में मां को बेइज्जत किया जाता था। बाबा कहते थे कि लड़कियों को प्राइमरी स्कूल में पढ़ाओ। लड़का चाहिए था। तलाक दे दो। दूसरी शादी कर लो। गालियां देते थे। इस बारे में जानकारी हासिल करने पर पता चला कि आरोपी पति दीपक सिंह गौर के बड़े भाई धनंजय सिंह की दो बेटियां हैं और स्वयं दीपक सिंह की तीन बेटियां हैं।

परिवार में कोई बेटा न होने से परिवार के लोग तरह-तरह के तौर तरीके अपना रहे थे और बेटा पैदा हो, इसके लिए श्वेता सिंह गौर को विवश किया जा रहा था।बताते चलें कि  वंश को आगे चलाने के लिए पुरुष प्रधान समाज में पुत्र को प्राथमिकता दी गई है इसीलिए हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उनके घर बेटा पैदा हो। वही सरकार लगातार तरह-तरह के कार्यक्रमों के जरिए आम जनता में यह मैसेज दे रही है कि बेटा बेटी दोनों समान होते हैं इस पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। लेकिन समाज में आज भी इस तरह की धारणा बनी हुई है, जिसकी शिकार श्वेता सिंह गौर भी हुई है।

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