बांदा की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉक्टर शबाना को मिला फिराक गोरखपुरी सम्मान

‘नफरतों से अलग रास्ता चाहिए, सिलसिला सिर्फ प्यार का चाहिए’। इंसानियत का ये संदेश देश के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की जयंती पर..

बांदा की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉक्टर शबाना को मिला फिराक गोरखपुरी सम्मान

‘नफरतों से अलग रास्ता चाहिए, सिलसिला सिर्फ प्यार का चाहिए’। इंसानियत का ये संदेश देश के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बांदा की वरिष्ठ महिला चिकित्सक और लेखक डॉ. शबाना रफीक ने दिया। समारोह में उन्हें ‘फिराक गोरखपुरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

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रविवार को यह आयोजन हिंदुस्तान एकेडमी, प्रयागराज में गुफ्तगू संस्था के तत्वावधान में हुआ। देश के तमाम कवि, शायर और साहित्यकार शामिल रहे। सम्मान ग्रहण करते हुए गुफ्तगू की संरक्षक डॉ. शबाना रफीक ने कहा कि फिराक मानवतावादी कवि थे। प्रशासनिक अधिकारी के पद को ठुकरा कर साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया।

डॉ. शबाना ने कहा कि नफरतों से अलग रास्ता चाहिए, सिलसिला सिर्फ प्यार का चाहिए, खैर मकदम को खुद मंजिलें आएंगी, सिर्फ कोशिश नहीं हौसला चाहिए।पूर्व कमिश्नर बादल चटर्जी, मासूम रजा रश्दी, प्रो. हसीन अहमद फातमी, डॉ. हसीन जिलानी, सरदार मनमोहन सिंह तन्हा ने भी संबोधित किया। गुफ्तगू संस्थापक इम्तियाज अली गाजी की पुस्तक आधुनिक भारत के गजलकार का विमोचन किया गया।

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