गुणों की खान है सहजन का पौधा, आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाए गए 

जिले में राष्ट्रीय पोषण माह अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के पौधे लगाए गए...

गुणों की खान है सहजन का पौधा, आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाए गए 
गुणों की खान है सहजन का पौधा

इसको लेकर जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी ने सभी बाल विकास सेवा परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) को निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पौधा रोपण कराएं,  जिसके तहत मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में औषधीय पौधों का रोपण किया गया।

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जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पौधों के वृक्ष बनने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा तो मिलेगा ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना भी साकार होगी। सहजन के प्रयोग से गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ कुपोषित बच्चों का कुपोषण भी दूर होगा। यह  पौधे आम लोगों के लिए भी लाभकारी साबित होंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

श्री त्रिपाठी ने बताया कि कबरई ब्लाक के बम्हौरा कलां व रहेलिया गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर पौध रोपण किया गया। बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में पंजीरी आदि का वितरण तो किया ही जा रहा है , गर्भवती  के स्वास्थ्य की जांचकर आयरन व अन्य प्रकार के विटामिन की गोलियां दी जा रही हैं ताकि कुपोषण को जड़ से समाप्त किया जा सके। इस मौके पर सीडीपीओ कमलेश शर्मा, स्वस्थ्य भारत प्रेरक सुशील कुमार सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्रामीण शामिल रहे।

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सहजन में मिलते हैं पोषक तत्व 
आयुर्वेिर्दक चिकित्सक डा. जगजीवन राम बताते हैं कि सहजन की पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन-सी के अलावा प्रोटीन, पोटेशियम, आयरन, मैगनीशियम और विटामिन-बी कॉम्पलैक्स भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कुपोषण को खत्म करने का रामबाण तरीका है।

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गर्भवती माताओं को कर रही हैं प्रेरित
आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन के पौधे लगवाने का मुख्य उद्देश्य गर्भवती माताओं को इसके प्रयोग पर बल देना है। उन्हें प्रेरित किया जा रहा सहजन की सब्जी, सूप आदि का प्रयोग करने से उनका स्वास्थ्य तो उत्तम होगा ही जन्में बच्चे भी स्वस्थ होंगे। इतना ही नहीं केंद्र के नौनिहालों को भी इसका सेवन कराया जाएगा ताकि उन्हें विटामिन युक्त आहार मिल सके।

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