चित्रकूट के भौंरी गांव में कोटेदार की मनमानी के चलते लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा राशन

वर्षों से गरीबों को शोषण कर मलाई खाने वाला भौंरी गांव का कोटेदार शिव ज्योत त्रिपाठी जिसने कोराना काल के भयावह दौर पर..

चित्रकूट के भौंरी गांव में कोटेदार की मनमानी के चलते लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा राशन

वर्षों से गरीबों को शोषण कर मलाई खाने वाला भौंरी गांव का कोटेदार शिव ज्योत त्रिपाठी जिसने कोराना काल के भयावह दौर पर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह फेरते हुए कोटे का इस्तीफा दिया था वह पुनः कोटा प्राप्त कर मनमानी कर रहा है।

मामला मानिकपुर विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत भौंरी का है जहा दसको पूर्व ग्राम पंचायत में एक जनरल को व एक अनुसूचित जाती को कोटे का प्रस्ताव रखा गया था जिसमें अनुसूचित जाति के कोटेदार राजकुमार को नियुक्त किया गया था उसी बीच कुछ समय पूर्व राजकुमार से मुन्ना अहिरवार को कोटा का कार्यभार दे दिया गया था।

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किन्तु मुन्ना अहिरवार की मौत के बाद कोटे का पुनः प्रस्ताव कराते हुए कुत्रचित तरीके से कोटा को पुनः सामान्य श्रेणी में दे दिया गया।तब से कोटेदार शिव ज्योत त्रिपाठी की मनमानी निरंतर चलती आ रही है।]

वहीं जब देश कोराना काल में इस भयानक वैश्विक बीमारी से जूझ रहा था तब सरकार ने जनहित में देखते हुए सरकार के द्वारा चलाई गई जनकल्याणकारी योजना के तहत असहाय व गरीबों व गरीबी रेखा के नीचे व ऊपर जीवन यापन करने वाले परिवार के भरण पोषण के लिए मुफ्त राशन वितरण के निर्देश जारी किए गए थे, किन्तु उक्त कोटेदार ने ावअपक का हवाला देते हुए सरकार के आदेशों व शासन प्रशासन के निर्देशों को दरकिनार करते हुए अपना इस्तीफा उप जिलाधिकारी को सौंप दिया जिसके चलते उप जिलाधिकारी के निर्देशन में नए नए कोटे का प्रस्ताव पारित करने के निर्देश दिए गए जिसमें प्रथम वरीयता में कोटे का आवंटन  में स्वयंम सेवी महिला समूह के द्वारा संचालित कराने के निर्देश दिए गए। 

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उपजिलाधिकारी के निर्देशन में ग्राम पंचायत भौंरी में रामलीला परिसर ने तहसीलदार,खण्ड विकास अधिकारी,ग्राम सचिव व प्रधान की मौजूदगी में कई लोगो के आवेदन पत्र जमा कराए गए जिसमें कोटा आवंटन में  मा शारदा समूह की  बुतुवा देवी निवासी लक्ष्मीपुर मजरा भौंरी को कोटा के लिए चयन किया गया किन्तु कोटे को अनुसूचित जाति के पक्ष में जाते देख उक्त कोटेदार ने परिसर में हंगामा करा तहसीलदार व अन्य कर्मचारियों को रामलीला परिसर से जाने के लिए बाध्य कर दिया। बुटुवा देवी ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई किन्तु उक्त कोटेदार की हनक के आगे शिकायती पत्र भी रद्दी की तरह ढेरों में फेक दिया गया।

मामला यहीं नहीं रुका वर्षों से गरीबों को शोषण कर मलाई खाने वाला कोटेदार शिव ज्योत त्रिपाठी  जिसने ावतवदं काल के भयावह दौर पर अपनी जिम्मेदारियों से मुंह फेरते हुए कोटे का इस्तीफा दिया था वह पुनः कोटे को प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एडी चोटी का जोर लगाया।अंततः पुनर्विचार के दौरान अधिकारियों को मनाने में कामयाब हो गया तथा कोटे का संचालन करने लगा। 

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ग्रामीणों की दबी जुबां की माने तो उक्त कोटेदार फिर से अपना पुराना रंग दिखाना सुरु कर दिया आए दिन राशन लेने जाने वालो से अभद्रता करना उनको वापस करना व जिला पूर्ति अधिकारी से व सप्लाई अधिकारी से अपनी से अपनी सेटिंग का हवाला देते हुए सरकार की छवि धूमिल करने का कार्य कर रहा है,जिसके चलते एक विशेष वर्ग के लोगों में आक्रोश व्यप्त है।

उक्त कोटेदार ने जिला पंचायत की सरकारी भूमि पर निर्माण कर कब्जा भी जमाए है व बिना किसी परमीशन के इट गिट्टी बालू का डंप भी जोरो पर कर मैटेरियल सप्लाई का कार्य भी कर रहा है। अब देखना यह है कि सबका साथ सबका विकास करने वाली न्यायप्रिय सरकार के मातहत ग्राम पंचायत भौंरी में प्रस्तावित कोटे का या स्वयं सेवी महिला समूहों को आवंटन करेगे या  महामारी के भयावह दौर में जनता के साथ छलावा कर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं व सरकार को छवि को धूमिल करने वाले उक्त कोटेदार को कोटा संचालन में सहयोग करेगे।

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