मानसून की दगाबाजी से 30 फीसदी धान की रोपाई सूखी, किसान हुआ बेहाल

उत्तर प्रदेश में बीते माह के अंत में सोनभद्र के रास्ते दाखिल हुआ मानसून अब ठिठक गया है। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और बुन्देलखण्ड..

मानसून की दगाबाजी से 30 फीसदी धान की रोपाई सूखी, किसान हुआ बेहाल

उत्तर प्रदेश में बीते माह के अंत में सोनभद्र के रास्ते दाखिल हुआ मानसून अब ठिठक गया है। लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और बुन्देलखण्ड के सभी जिलों में गर्मी और उमस से लोग बेहाल हैं। बारिश की कमी से किसानों के लिए फसल बचाना मुश्किल हो रहा है। धान की रोपाई करीब 30 फीसदी तक सूख चुकी है। लखनऊ के मौसम निदेशक जे.पी.गुप्ता का कहना है कि फिलहाल यूपी में मानसून की सामान्य बारिश होने के लिए अभी करीब एक सप्ताह तक इंतजार करना होगा। सोमवार की शाम साढ़े पांच बजे से मंगलवार की सुबह साढ़े आठ बजे के दरम्यान बरेली के बहेड़ी में सात सेण्टीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा हापुड़, पीलीभीत के बीसलपुर में छह-छह, झांसी में चार, बिजनौर के नजीबाबाद और मथुरा के गोवर्धन इलाके में दो-दो तथा मेरठ में एक-एक सेंटीमीटर बारिश हुई।

यह भी पढ़ें - vउप्र : वाहनों के तीन से अधिक बार चालान पर परमिट होगा रद्द

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल चार लाख हेक्टेयर में धान की नर्सरी लगाई गई थी। इस बार 3 लाख 93 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य था और 3 लाख 88 हजार हेक्टेयर में धान की नर्सरी लगी। मगर इस बार 59 लाख हेक्टेयर के कुल निर्धारित रकबे में से महज 16 लाख 02 हेक्टेयर में ही रोपाई हो पाई है। जो किसान निजी नलकूप या पम्पसेट के जरिये धान की रोपाई करने में सफल हो भी गए हैं, उन्हें भी अब फसल को बचाने के लिए धान के खेत को पानी से लबालब भरने के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा अवधि तक नलकूप या पम्पसेट चलाना पड़ रहा है। इसकी वजह से उनकी लागत बढ़ती जा रही है।

मक्के की बोआई 7 लाख 80 हजार हेक्टेयर के मुकाबले 3 लाख 62 हजार हेक्टेयर में ही हो सकी है। ज्वार की बोआई 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर के मुकाबले सिर्फ 45 हजार हेक्टेयर में, बाजरे की 9 लाख 80 हजार हेक्टेयर के मुकाबले सिर्फ 1 लाख 83 हजार हेक्टेयर में ही बोआई हो सकी है। उत्तर प्रदेश में 29 जून को सोनभद्र के रास्ते दाखिल हुए मानसून ने अब तक राज्य में सामान्य वर्षा के मुकाबले महज 35.08 प्रतिशत बारिश दी है। राज्य के 48 जिलों में अब तक छिटपुट यानी सामान्य से 40 प्रतिशत से भी कम और 20 जिलों में कम बारिश यानी 40 से 60 प्रतिशत के बीच बारिश हुई है।

यह भी पढ़ें -  बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में सफर करने वालों को बुंदेली वीरों के होंगे दर्शन, बुंदेली कला संस्कृति भी दिखाई देगी

इस वजह से इस बार खरीफ की फसलों की बोआई और धान की रोपाई लगातार प्रभावित हो रही है। अब तक महज 28 फीसदी ही रोपाई व बोआई हो पायी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 194.7 मिमी की बजाय मात्र 69.8 मिमी. बारिश हुई है। जिलों में करीब 30 फीसदी तक धान की रोपाई सूख चुकी है। सीतापुर में महज 30-35 हजार हेक्टेयर तक धान की रोपाई हो पाई।

रायबरेली में 32 फीसदी ही धान की बोआई हो सकी है। अयोध्या में लक्ष्य का 40 प्रतिशत ही धान रोपित किया जा सका है। गन्ने की फसल सूख रही है। बलरामपुर में 150 हेक्टेयर कम बोआई हुई है। श्रावस्ती में बारिश न होने से धान की रोपाई करीब 90 प्रतिशत तक प्रभावित हो गई है। मक्का और अरहर की बोआई ही नहीं हो सकी है।

यह भी पढ़ें - रेलवे नवीनीकरण कोच कारखाने में बुंदेलखंड के नौजवानों की भर्ती की मांग

What's Your Reaction?

like
2
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
2
wow
1