प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह बने बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति

अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कृषि वैज्ञानिक एवं भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह को..

प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह बने बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति
डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह (Dr. Narendra Pratap Singh)

अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कृषि वैज्ञानिक एवं भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह को बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का कुलपति राज्यपाल उ.प्र. सरकार एवं कुलाधिपति बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक द्वारा मंगलवार को नामित किया गया है। उनके उत्कृष्ट शोध से बुन्देलखण्ड की कृषि में उन्नयन और कृषकों की आर्थिक स्थिति सुधरने की संभावना है।

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डा. सिंह देश एवं विदेश में अनुवंशिकी एवं पादप प्रजजन क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट शोध के कारण अग्रिम पंक्ति के शोध वैज्ञानिक माने जाते हैं। इनके द्वारा दलहन क्षेत्र में किये गये शोध एवं अनूठी सोच भारत को दलहन उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध हुई है।

इनके द्वारा दलहन की 63 किस्मों का विकास किया गया है। डा. सिंह के द्वारा मार्कर असिस्टेड ब्रीडिंग तकनीक से चने की उखठा रोधी किस्म समृद्धि (आई.सी.पी.एम.बी.) एवं सूखा रोधी किस्म आई.सी.एम.ए.एस.-1 का विकास किया गया है जो बुन्देलखण्ड के लिए भविष्य में वरदान साबित होगी।

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  • डा. सिंह का शोध कृषि के कायाकल्प में होगा मददगार

बुन्देलखण्ड क्षेत्र देश के दलहन उत्पादन में करीब 70 प्रतिशत की भागीदारी करता है, शुष्क क्षेत्र मेें डा. सिंह के करीबन 32 वर्षाे का शोध का अनुभव इस क्षेत्र के कृषि के कायाकल्प के लिए मील का पत्थर सिद्ध होंगी।

डा. सिंह अपने शोध के कार्यों को गति प्रदान करने एवं शोध की नई पीढ़ी को विकसित करने के लिए अर्न्तराष्ट्रीय शोध संस्थान इकार्डा-अलेप्पो (सीरिया), मुडोक विश्वविद्यालय पर्थ (आस्ट्रेलिया) एवं पौध जैव प्रौद्योगिक केन्द्र सस्काटून कनाडा भ्रमण कर चुके है एवं देश के सभी ख्यातिनाम जैव प्रौद्योगिकी संस्थाओं को अपने सलाह एवं भ्रमण से निरन्तर लाभान्वित कर रहे है। 

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  • अनेकों राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है

डा0 सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में 5 शोधार्थियों को वाचस्पति की उपाधि एवं 14 छात्रों को स्नातकोत्तर उपाधि में मार्गदर्शन दिया है। अनेकों राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पुरस्कारों से डा. सिंह को पूरे कार्यकाल मंे सम्मानित किया गया हैं, जिसमें प्रख्यात अर्न्तराष्टीय चना अनुवंशिकी एवं जीनोमिक्स कर्न्साेशियम सम्मान 2009, यू.पी.ए.ए.एस. लाइफ टाइम एचीवमेन्ट एवार्ड 2016, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा देय चौधरी देवीलाल उत्कृष्ट अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना पुरस्कार 2017, सरदार पटेल सर्वश्रेष्ठ आई.सी.ए.आर संस्थान सम्मान 2017, आई.एस.पी.आर.डी. गोल्ड मेडल/एक्सीलेन्स एवार्ड 2017 इत्यादि प्रमुख हैं।

डा0 सिंह द्वारा करीब 200 अनुसंधान यंत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किये गये है और उनकी करीब 19 किताबें प्रकाशित हुई हैं एवं 41 किताबों का सम्पादन किया है। विश्वविद्यालय के निदेश प्रसार डा. एन.के. बाजपेयी ने बताया कि डा. सिंह का अमूल्य शिक्षा, शोध एवं प्रसार का अनुभव इस क्षेत्र के लिए अमूल्य साबित होगा।

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