देश के उत्तर जोन में स्टार रेटिंग के मामले में इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा ने आईआईसी में प्राप्त किया दूसरा स्थान

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय..

देश के उत्तर जोन में स्टार रेटिंग के मामले में इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा ने आईआईसी में प्राप्त किया दूसरा स्थान
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा (Government Engineering College Banda)

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 3.5 स्टार रेटिंग प्रदान की गयी है। संस्थान के आईआईसी के अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ अरजरिया एवं उपाध्यक्ष अभिजीत सिंह ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संस्थान को यह रेटिंग वर्ष 2020-21 में स्टार्टअप एवं उद्यमिता से संबंधित करायी गयी गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दी गयी है। 

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उन्होंने बताया कि राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा की आईआईसी देश के उत्तर जोन (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं बिहार) के समस्त राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में से 3.5 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाला दूसरा संस्थान है। संस्थान की आईआईसी को प्राप्त हुई 3.5 स्टार रेटिंग पर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा के निदेशक प्रोफेसर एस.पी. शुक्ल, कुलसचिव डा. आशुतोष तिवारी सहित अन्य शिक्षकों ने प्रसन्नता जताई।

निदेशक प्रोफेसर शुक्ल ने कहा कि नवाचार के क्षेत्र में संस्थान को प्राप्त यह रेटिंग हमारे लिये गौरव की बात है। छात्र-छात्राओं में नवाचार एवं उद्यमशीलता का विकास करने लिये संस्थान निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने संकाय सदस्यों, छात्र-छात्राओं को भविष्य में आईआईसी की रेटिंग में और अधिक सुधार के लिये प्रेरित किया।

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इन्क्यूबेशन सेंटर के समन्वयक डॉ. सिद्धार्थ अरजरिया ने बताया कि संस्थान में इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना वर्ष 2019 में की गयी थी। वर्ष 2021 में यूपी स्टार्टअप पॉलिसी द्वारा मान्यता प्रदान की गयी है। इन्क्यूबेशन सेंटर में छात्रों द्वारा स्टार्टअप विकसित कर समसामयिक समस्याओं के समाधान किये जायेंगे।

संस्थान द्वारा स्टार्टअप विकसित करने के लिये छात्रों को वित्तीय सहायता की संस्तुति की जायेगी एवं शासन स्तर पर गठित समिति द्वारा परीक्षण कर वित्तीय सहायता प्राप्त की जायेगी। संस्थान द्वारा मंडलीय एवं जिला प्रशासन से भी बुन्देलखण्ड क्षेत्र की प्रचलित समस्याओं का विवरण मांगा गया है जिनका समाधान स्टार्टअप के जरिये इंजीनियरिंग के छात्रों द्वारा कराया जायेगा।

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