बुंदेलखंड मेें आयेगी यूरोपियन मधुमक्खी, बढेगा शहद का उत्पादन

बुंदेलखंड को शहद उत्पादन का हब बनाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय यूरोपियन मधुमक्खी एपिस मेलीफेरा..

बुंदेलखंड मेें आयेगी यूरोपियन मधुमक्खी, बढेगा शहद का उत्पादन

बुंदेलखंड को शहद उत्पादन का हब बनाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय यूरोपियन मधुमक्खी एपिस मेलीफेरा को यहां लाएगा। विश्वविद्यालय में लैब भी बनाई जा रही है। इसके अलावा किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए तैयार किया जाएगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत विश्वविद्यालय को ये प्रोजेक्ट मिला हुआ है। अभी बुंदेलखंड में बहुत कम लोग मधुमक्खी पालन करते हैं। जबकि, सरकार का भी जोर है कि किसान मधुमक्खी पालन कर अपनी आय बढ़ाएं। अब कृषि विश्वविद्यालय को जो प्रोजेक्ट मिला है, उसके तहत बुंदेलखंड में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। विश्वविद्यालय में ही ट्रेनिंग हॉल बनाया जा रहा है। 

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कीट विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ऊषा ने बताया कि प्रशिक्षण में किसानों को क्वीन (मादा मधुमक्खी) प्रोडक्शन के बारे में बताया जाएगा। मधुमक्खियों के हर बॉक्स में क्वीन ही अंडे देती है। यदि क्वीन मर जाती है तो बक्सा भी खत्म हो जाता है। एक बक्से में 100 से 200 नर और 50 हजार से एक लाख वर्कर मधुमक्खी होती हैं। वर्कर मधुमक्खी ही शहद इकट्ठा करके लाती हैं। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत अब बुंदेलखंड में एपिस मेलीफेरा मधुमक्खी लाई जाएगी। इस मधुमक्खी के जरिए साल भर में हर बॉक्स में 35 से 40 किलो शहद का उत्पादन मिलेगा। चूंकि, बुंदेलखंड में गर्मी ज्यादा पड़ती है। ऐसे में अप्रैल, मई, जून में मधुमक्खियां छत्ता छोड़कर दूसरे शहरों को चली जाती हैं।

किसानों को बताया जाएगा कि जहां पर बॉक्स रखा है, उसके आसपास मक्का, कद्दू, इमली, लौकी, तिल, मूंग, अमलताश, लीची, सरसों, सूरजमुखी, जामुन, तुलसी आदि के पेड़, पौधे या फसल की बुवाई कर मधुमक्खियों को बाहर जाने से रोका जा सकता है। इनसे मधुमक्खियों को पर्याप्त खाना मिलता रहता है। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरविंद कुमार, ने बताया कि यूरोपियन मधुमक्खी एपिस मेलीफेरा सबसे ज्यादा शहद उत्पादन करती है। इसलिए प्रोजेक्ट के तहत इसे यहां लाकर बॉक्स में रखा जाएगा। विश्वविद्यालय में किसानों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। ट्रेनिंग लेकर किसान अपने खेत पर भी बॉक्स रखकर शहद उत्पादन कर आय बढ़ा सकते हैं।

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