पीडब्ल्यूडी बांदा का अधिशासी अभियंता कार्यालय कुर्क, बोर्ड में नोटिस चस्पा

बुंदेलखंड के जनपद मुख्यालय में स्थित यह लोक निर्माण विभाग का अधिशासी अभियंता कार्यालय हैं..

पीडब्ल्यूडी बांदा का अधिशासी अभियंता कार्यालय कुर्क, बोर्ड में नोटिस चस्पा

बुंदेलखंड के जनपद मुख्यालय में स्थित यह लोक निर्माण विभाग का अधिशासी अभियंता कार्यालय हैं। इस कार्यालय के बाहर नोटिस बोर्ड में  चस्पा किया गया यह कागज का टुकड़ा साधारण नहीं है। इसमें लिखा मजमून पढ़कर विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक में हड़कंप मच गया है। आखिर इस कागज में क्या लिखा है। इस बारे में कोई कुछ नहीं बता रहा था। चलिए हम आपको बताएं देते हैं यह कोई मामूली कागज नहीं है। यह झांसी की वाणिज्यिक न्यायालय झांसी से जारी किया हुआ कुर्की का आदेश है।

इसमें जारी आदेश के मुताबिक लोक निर्माण विभाग का अधिशासी अभियंता कार्यालय कुर्क कर लिया गया है। नोटिस बोर्ड में चस्पा किए गए इस आदेश में साफ-साफ लिखा है कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में निम्नलिखित अचल संपत्ति कुर्क हो गई है अतः कोई भी व्यक्ति कुर्कशुदा अचल संपत्ति को क्रय विक्रय अथवा हस्तांतरित न करें अन्यथा वह स्वयं जिम्मेदार होगा। कुर्क की गई संपत्ति के विवरण में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑफिस पीडब्लूडी बांदा लिखा हुआ है। यह आदेश 1 जुलाई 2022 का है।

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इस बारे में छानबीन करने पर पता चला कि झांसी में साकेत बाग स्थित फर्म मेसर्स पीएन गर्ग इंजीनियर्स एवं कांट्रेक्टर्स के प्रोपराइटर पीएन गर्ग बांदा लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी का कार्य करते थे। जिनका भुगतान विभाग पर शेष था और विभाग ने इसका भुगतान भी कर दिया था पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते और न्यायालय में समय से पैरवी न होने के कारण विभाग के ऊपर ठेकेदार ने लगभग 2 करोड़ रुपये के भुगतान का दावा पेश किया। ठेकेदार ने वाणिज्य न्यायालय झांसी में आर्बीट्रेशन इजराय वाद दाखिल किया था।

न्यायालय ने ठेकेदार के हक में फैसला सुनाया। आदेश के क्रम में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ऑफिस पीडब्ल्यूडी बांदा में कुर्कु की नोटिस चस्पा हुई। पीडब्ल्यूडी कार्यालय बांदा कुर्क की नोटिस चस्पा होने की बात सुर्खियों में आने से विभाग में हड़कंप हुआ है। न्यायालय के आदेश के संबंध में एक्सईएन आर आर मथुरिया ने बताया कि न्यायालय ने 18 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान का आदेश दिया है। ब्याज सहित ठेकेदार का बकाया दो करोड के लगभग होता है। न्यायालय का आदेश मुख्यालय लखनऊ भेजा गया है। वहां से जल्द ही फाइल शासन को भेजी जाएगी। शासन की संस्तुति मिलते ही न्यायालय के आदेश के अनुपालन में भुगतान किया जाएगा।

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