काला नमक के जरिए कृषि बिलों के विरोधियों को किसान जाहिद ने दिखाया आईना

देश के प्रधानमंत्री द्वारा जहां किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए तीन कृषि बिलों को पारित किया गया है

काला नमक के जरिए कृषि बिलों के विरोधियों को किसान जाहिद ने दिखाया आईना

देश के प्रधानमंत्री द्वारा जहां किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए तीन कृषि बिलों को पारित किया गया है जिनका आज कुछ किसान संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। वही जनपद बांदा के प्रगतिशील किसान जाहिद अली ने काला नमक धान की पैदावार करके कृषि बिलों के विरोधियों को आईना दिखाया है। उन्होंने काला नमक धान की पैदावार की है। एक हेक्टेयर में करीब पौने दो लाख रुपये का धान तैयार किया है। 

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अतर्रा के प्रगतिशील किसान जाहिद अली सब्जी व जैविक खेती के माहिर हैं। वह अपने 20 हेक्टेयर के कृषि फार्म में उन्नतिशील खेती दस वर्षो से कर रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय का कार्यक्रम हो या विज्ञान केंद्र का, उन्हें प्रथम पंक्ति में बुलाया जाता है। जाहिद ने इस बार काला नमक धान की खेती एक हेक्टेयर में की है।

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उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर में 30-35 क्विटल धान तैयार हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी पैदावार में रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया। सिर्फ ढैंचा की हरी खाद का प्रयोग किया। इससे लागत भी बेहद कम आई है। यह 165 दिन में तैयार हुआ है। काला नमक धान की कीमत पांच हजार रुपये प्रति क्विटल है। इसका चावल दस से 15 हजार रुपये क्विटल बिकता है। जाहिद बताते हैं कि धान खरीद के लिए व्यापारी उनके यहां संपर्क साध रहे हैं, लेकिन नहीं बेचेंगे।

उनका मकसद है कि बुंदेलखंड का हर किसान काला नमक धान की खेती करे ताकि केंद्रों में बेचने का झंझट ही न रहे और न ही किसी कानूनी पचड़े व आंदोलन का झंझट रहे।जाहिद ने इस धान को व्यापारियों को बेचने के बजाए किसानों को बीज के तौर पर देने का निर्णय लिया है ताकि बुंदेलखंड के किसान इसके जरिए समृद्धि हासिल कर सकें। काला नमक प्रजाति का धान गोंडा, गोरखपुर व नेपाली सीमा के अन्य जिलों में होता है। वह कृषि विभाग की ओर से भ्रमण पर गए थे, वहीं से बीज लेकर आए थे। इस धान का चावल स्वाद में बेजोड़ है और खुशबू भी अच्छी है।

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प्रगतिशील किसान जाहिद कहते हैं कि आंदोलन तो नेता अपने स्वार्थ के लिए करते हैं। वास्तविक किसान सिर्फ अपनी खेती-बारी देख रहा है। इस समय उनका मकसद है कि उन्नतिशील खेती कर खुशहाल हों और अन्य किसानों को भी खुशहाल होने में मदद करें। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि कृषि भी लो में कुछ कमियां हो सकती हैं लेकिन जब तक उसे लागू नहीं किया जाएगा तब तक उसकी कमियों का पता नहीं चलेगा इसलिए कानून को लागू किया जाना चाहिए।

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सब्जियां भी उगातें हैं

जाहिद अली धान के अलावा साल भर तरह-तरह की सब्जियां उगा कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं इस समय भी उनके खेतों में बैगन टमाटर और मटर की भरपूर पैदावार हो रही है। वह बताते हैं कि केवल बैगन की खेती में वह एक बीघे में औसतन 30- 40 हजार रुपए कमा रहे हैं।
काला नमक धान की पैदावार में आमदनी
एक हेक्टेयर में उपज  30-35 क्विंटल
धान का रेट रू 5000 रुपये प्रति क्विंटल

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