बुन्देलखंड में तिल के बीज न मिलने से कृषक परेशान

इस बार तिल के बीज राजकीय बीज भंडारों से गायब है। खरीफ के सीजन में तिल की बोआई के लिए जहां इन दिनों...

बुन्देलखंड में तिल के बीज न मिलने से कृषक परेशान

हमीरपुर, 

मूंगफली और तिल की फसल की बोआई को लग रहा तगड़ा झटका

इस बार तिल के बीज राजकीय बीज भंडारों से गायब है। खरीफ के सीजन में तिल की बोआई के लिए जहां इन दिनों लाखों किसान तैयारी में जुटा है, ऐसे में बीज न मिलने के कारण किसान चिंता में है। खासकर बुन्देलखंड क्षेत्र में तिल की फसल बहुतायत में करने वाले किसान दोगुने दामों में मार्केट से तिल के बीज खरीदने को विवश हैं। वहीं तमाम गरीब किसान अभी भी राजकीय बीज भंडार में तिल के बीज के लिए परिक्रमा कर रहे हैं। विभाग ने भी तिल के बीज के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं।

बुन्देलखंड के हमीरपुर जिले में ही इस बार ज्वार 19220 हेक्टेयर में बोआई कराने की तैयारी है। वहीं 249 हेक्टेयर में बाजरा, 17134 हेक्टेयर में उड़द, 3324 हेक्टेयर में मूंग, 14466 हेक्टेयर में अरहर व 71 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की बोआई कराने के लिए कृषि विभाग को लक्ष्य मिला है। जबकि पिछले साल 16100 हेक्टेयर में ज्वार, 224 हेक्टेयर में बाजरा, 12281 हेक्टेयर में उड़द, 3299 हेक्टेयर में मूंग, 12540 हेक्टेयर में अरहर व 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की बोआई किसानों ने की थी।

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इसके अलावा इस बार धान की बोआई के लिए 12 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस बार तिल के बीज के लिए किसान विभाग के बीज भंडारों के चक्कर लगा रहे हैं। बीज भंडार में मूंगफली के बीज भी गायब है।

उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि बुन्देलखंड क्षेत्र ही ऐसा इलाका है, जहां खरीफ की फसलों में सबसे ज्यादा तिल की खेती किसान करते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल बुन्देलखंड के हमीरपुर जिले में तिल की बोआई का रकबा हर साल बढ़ रहा है।



99458 हेक्टेयर में खरीफ की फसलों की बोआई की है तैयारी

कृषि विभाग के उपनिदेशक हरीशंकर भार्गव ने बताया कि इस बार खरीफ के सीजन में 99458 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोआई कराए जाने की तैयारी है। इसमें सबसे ज्यादा 43500 हेक्टेयर भूमि में तिल की खेती कराने के लिए शासन से लक्ष्य मिला है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में अबकी बार खरीफ की फसलों की बोआई का लक्ष्य 21723 हेक्टेयर क्षेत्रफल ज्यादा मिला है। बुन्देलखंड क्षेत्र के हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी व ललितपुर के अलावा आसपास के इलाकों में खरीफ की फसलों में सर्वाधिक तिल की खेती किसानों की पहली पसंद है। इसीलिए हर साल तिल की फसल की खेती का क्षेत्रफल भी समूचे क्षेत्र में बढ़ रहा है।

तिल की फसल के बीज से खाली है सरकारी बीज भंडार

बुन्देलखंड क्षेत्र के हमीरपुर में 43500 हेक्टेयर में तिल की बोआई कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है। वहीं महोबा 38684 हेक्टेयर, बांदा में 21158 हेक्टेयर व चित्रकूट में 1457 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तिल की बोआई कराने का लक्ष्य शासन से मिला है। चारों जिलों में इस बार एक लाख चार हजार 799 हेक्टेयर में तिल की बोआई खरीफ के सीजन में होगी, लेकिन बुन्देलखंड समेत समूचे उप्र में तिल के बीज ही किसान को नहीं मिल रहे हैं। राजकीय बीज भंडार खाली पड़े हैं। किसान मार्केट में महंगे दामों में बीज लेने को विवश हैं। उपनिदेशक कृषि ने बताया कि तिल के बीज पिछले साल हुई बारिश में खराब हो गए थे, जिससे तिल के बीज की कमी हो गई है।

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हिस

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