गाँव की महिलायें आत्मनिर्भर बनें इसके लिये महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है : राज्यपाल

गाँव की महिलायें आत्मनिर्भर बनें इसके लिये महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है, साथ ही अपनी छवि को भी पारदर्शी रखें..

Jul 6, 2021 - 08:30
Jul 6, 2021 - 08:35
 0  1
गाँव की महिलायें आत्मनिर्भर बनें इसके लिये महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है : राज्यपाल
महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है

गाँव की महिलायें आत्मनिर्भर बनें इसके लिये महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है, साथ ही अपनी छवि को भी पारदर्शी रखें। समस्याओं के प्रति आपका ध्यान आकर्षित होना चाहिये।

हर ग्राम के ग्राम प्रधानों को यह संकल्प लेना चाहिये की उसका गाँव कुपोषण मुक्त गाँव हो, इसके लिये सरकार द्वारा नियुक्त आशावर्कर के साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।

ह भी पढ़ें - एम्बुलेंस केस में बाहुबली मुख्तार अंसारी की हुई पेशी, अगली सुनवाई 19 को

यह विचार विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उ.प्र., श्रीमती आनन्दी बेन पटेल  ने जनपद बाँदा के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों के नवनिर्वाचित महिला प्रधानों की क्षमतासंवर्धन के एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन पर बतौर मुख्य अतिथि आनलाईन सम्बोधन के दौरान व्यक्त किया। इस कार्यशाला का आयोजन बाँदा कृषि एव प्रौद्योगिकविश्वविद्यालय, बाँदा एवंपंचायतीराजविभाग, जनपद बाँदा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। 

महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है

उन्होने कहा कि हमारा परिवार, समाज, गाँव व पूरा देश स्वस्थ बने इस उद्देश्य से कार्य करना आवश्यक है।परिवार के सभी सदस्य विशेषकर महिलाये अपने बच्चों की परवरिश ऐसे करें जिससे एक अच्छे समाज की रचना हो। इस वर्ष चुनाव में कई महिला प्रत्याशी विजयी हुयी हैं, वे अपने गाँव के लिये विशेषकर महिलाओं व बच्चों के लिये आगे बढकर कार्य करें।

ह भी पढ़ें - बाँदा : नौकरी के नाम पर आधा सैकड़ा युवा बेरोजगार ठगी का शिकार

ग्राम के विकास के लिये चयनित महिला प्रतिनिधि कार्य करें।गाँव में स्थित स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं अन्य ग्रामीण संस्थाओं के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा रचनात्मक कार्य करें। राज्यपाल ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि सभी ग्राम प्रधान जाति देखकर कार्य न करें, सभी आपके अपने हैं। पूरी हिम्मत और लगन से गाँव के विकास के लिये कार्य करना है।

महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है

उन्होने निर्वाचित महिला गा्रम प्रधानों से अनुरोध किया की गाँव की सभी महिलाओं को एक साथ बैठायें और परिवार, स्वास्थ्य, परिवरिश एवं शिक्षा पर उनकी भूमिका पर चर्चा करें।बालविवाह पर बोलते हुये उन्होने कहा कि एक गलत फैसला दो परिवारों के कई पीढ़ियों को कमजोर करता है। इसे रोकने के लिये बच्चियों को अच्छी शिक्षा देने हेतु कार्य करें।

ह भी पढ़ें - बाँदा : अज्ञात कारणों से युवक ने तमंचे से गोली मारकर आत्महत्या की

कार्यक्रम की शुरूवात दीपप्रज्जवलन के साथ किया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यू. एस. गौतम ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय महिलाओं के उत्थान एवं उनके विकास के लिये बहुत सारे कार्य कर रहा है।विश्वविद्यालय ने 100 गाँवों का गोद लिया है। इस अवसर पर मण्डलायुक्त दिनेशकुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि जो ेसोचा था आपने कभी आज आपके पास मौका है उसे करीये।जो पूर्वप्रधान नही कर सके।

कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में सर्वेशकुमारपाण्डेय, पंचायती राज अधिकारी द्वारा पंचायती राज व्यवस्था में महिला जनप्रतिनिधियों का दायित्व एवं अधिकार, कृषि विश्वविद्यालय बाँदा का ग्रामीण महिलाओं की शिक्षा, स्वावलंबन में भूमिका एवं महिला अध्ययन केन्द्र का उद्देश्य डा. वन्दना कुमारी तथा उ.प्र. शासन द्वारा संचालितशिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगारपरक योजनाओं में महिला जनप्रतिनिधियों की भूमिका पंचायती राज विभाग के अधिकारी द्वारा व्याख्यान एवं प्रस्तुतिकरण दिया गया। 

इस मौके पर उपस्थित सभी 198 महिला ग्रामप्रधानों एवं उनके प्रतिनिधियों को विश्वविद्यालय के तरफ से एक-एक करौंदा एवं नींबू का पौधा वितरित किया गया।कार्यक्रममें धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. एस. के. सिंह द्वारा तथा कार्यक्रम संचालन सहायक प्राध्यापक, डा. सौरभ के द्वारा कियागया।

यह भी पढ़ें - बाराबंकी पुलिस ने बांदा जेल पहुंचकर मुख्तार से की पूछताछ
 

What's Your Reaction?

Like Like 1
Dislike Dislike 0
Love Love 1
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 1