गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे : चतुर्दिक विकास का रास्ता होगा आसान

उत्तर प्रदेश सरकार ने आवागमन को सुगम बनाने के लिए लिंक एक्स्प्रेस वे का निर्माण शुरू किया है। इससे न सिर्फ क्षेत्रीय विकास को गति..

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे : चतुर्दिक विकास का रास्ता होगा आसान
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway)

उत्तर प्रदेश सरकार ने आवागमन को सुगम बनाने के लिए लिंक एक्स्प्रेस वे का निर्माण शुरू किया है। इससे न सिर्फ क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी बल्कि ग्रामीण विकास को भी पंख लगेंगे। प्रदेश में एक्सप्रेसवे, हाईवे, बड़ी सड़कों के निर्माण से विभिन्न तरह के विकास कार्यों में तेजी आएगी।

यह भी पढ़ें - उप्र : योगी सरकार में डकैत गौरी यादव समेत मारे गये 33 अपराधी

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे गोरखपुर के गोरखपुर बाईपास एनएच-27 के किनारे स्थित जैतपुर गांव के पास से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आजमगढ़ में समाप्त होगा। 91.352 किमी लंबी इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर, अम्बेडकर नगर, संत कबीरनगर और आजमगढ़ को विशेष फायदा होगा।

फोरलेन से भविष्य सिक्सलेन तक विस्तारणी की योजना तथा संरचना से बनायी जा रही इस एक्सप्रेसवे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जा रही है। इससे परियोजना के आस-पास के गांव के किसानों व निवासियों को आवागमन की सुविधा मिलने का रास्ता साफ होगा और स्थानीय स्तर के उत्पादों को बाजार मिल सकेगा।

यह भी पढ़ें - अखिलेश के 'मैं आ रहा हूं' पोस्टर पर बोले धर्मेन्द्र प्रधान, क्या करोगे आकर ?

  • इनका होगा निर्माण

एक्सप्रेसवे के निर्माण में 02 टोल प्लाजा, 03 रैम्प प्लाजा, 07 फ्लाई ओवर, 16 व्हेकुलर अण्डरपास, 50 लाइट व्हेकुलर अण्डरपास, 35 पेडेस्ट्रियन अण्डरपास, 07 दीर्घ सेतु, 27 लघु सेतु तथा 389 पुलियों का निर्माण होगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway)

कुल अनुमोदित लागत रूपये 5876.68 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबन्धित लागत रूपये 3024.10 करोड़ की इस परियोजना के क्रियान्वयन को 02 पैकेजों में बांटा गया है। पहले पैकेज का निर्माण कार्य 10 फरवरी तथा दूसरे पैकेज का निर्माण कार्य 19 जून 2020 से शुरू है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न रूकावट के बाद भी निर्माण कार्य को महामारी पूर्व की प्रगति दर प्राप्त करने का प्रयास जारी है।

यह भी पढ़ें - फेसबुक नाम परिवर्तन कर मेटावर्स पर लगा रही दांव, 1 अरब लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य

  • इतना हो चुका है कार्य

निर्माणाधीन इस एक्सप्रेसवे का अगस्त, 2021 तक क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग एवं 99 प्रतिशत, मिट्टी का कार्य 50 प्रतिशत, सबग्रेड का कार्य 27 प्रतिशत, जीएसबी का 20 प्रतिशत, डब्लूएमएम कार्य 16.60 प्रतिशत, डीबीएम का 13.50 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। परियोजना की कुल भौतिक प्रगति भी लगभग 30 प्रतिशत पूर्ण है। परियोजना को पूर्ण करने की सम्भावित समयावधि अप्रैल 2022 है।

यह भी पढ़ें - कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ट्रेन से ललितपुर पहुंची

  • यह होगा लाभ

इस परियोजना से क्षेत्रीय लोगों सहित देश प्रदेश को बहुत लाभ होगा। गोरखपुर क्षेत्र पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लखनऊ, आगरा एवं दिल्ली तक त्वरित एवं सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। इतना ही नहीं, गोरखपुर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत व समय की बचत होगी। पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव होगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway)

परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा। कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलने से आय में बढ़ेगी। विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक भी होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के अवसर सुलभ होंगे। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना का एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।

यह भी पढ़ें - प्रशांत नील ने रवीना टंडन को खास अंदाज में दी जन्मदिन की बधाई 

हि.स

What's Your Reaction?

like
1
dislike
0
love
1
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1