मोदी सरकार और किसानों को एक-दूसरे की नीयत पर शक न करने की सलाह दे गये गोविन्दाचार्य

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 9 महीने से आंदोलन में डटे...

मोदी सरकार और किसानों को एक-दूसरे की नीयत पर शक न करने की सलाह दे गये गोविन्दाचार्य
गोविन्दाचार्य जी

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 9 महीने से आंदोलन में डटे किसानों और सरकार के बीच अभी भी मौका है, दोनों एक दूसरे की नियत पर शक न करें और वार्ता जारी रखें, ताकि किसान आंदोलन का समाधान हो सके। ये बात भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक के.एन. गोविन्दाचार्य ने बाँदा में बुन्देलखण्ड न्यूज से कही।

बाँदा में प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह की बगिया में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एवं एक समय भाजपा के थिंक टैंक रहे के.एन. गोविन्दाचार्य ने ‘प्रकृति केन्द्रित विकास पर संवाद’ किया। इस दौरान गोविन्दाचार्य के साथ यमुना यात्रा में शामिल समाजसेवी तथा बाँदा जनपद के जागरूक नागरिकों के मध्य संवाद हुआ और इस विचार गोष्ठी में लोगों को राष्ट्रीय परिदृश्य में प्रकृति केन्द्रित विकास पर एक दूसरे के विचार जानने का मौका मिला।

यह भी पढ़ें - अजीब प्रजाति के जानवर ने किया कई पर हमला, लोगों ने मार डाला

विचार गोष्ठी में प्रेम सिंह ने उपस्थित लोगों का एक दूसरे से परिचय कराया व प्रस्तावना के तौर पर गोविन्दाचार्य के पूरे जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए यमुना यात्रा के महत्व से समाज में आ रहे परिवर्तन की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। गोष्ठी में आये हुए लोगों में से आनन्द सिन्हा, सुधीर सिंह, प्रमोद दीक्षित मलय सहित तमाम वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रकट किये।

गोविन्दाचार्य ने पत्रकार वार्ता में बुन्देलखण्ड न्यूज के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ”जब आंदोलन शुरू हुआ था तब मैंने किसानों व सरकार दोनों से बातचीत कर सुझाव दिया था कि दोनों संवाद के दौरान एक दूसरे की नियत पर शक न करें और संवाद को बंद न करें तभी इस समस्या का समाधान निकल सकता है।

यह भी पढ़ें - बांदा : दुरेड़ी गांव के पास रेलवे अण्डर ब्रिज ढहा, बाल-बाल बचे लोग

लेकिन बीच में ही दोनों के बीच वार्ता बंद हो गई, जिससे आंदोलन लंबा खिंचता चला गया। सरकार के पास मौका है, किसानों से बातचीत करें और तब तक संवाद जारी रखें, जब तक हल न निकले। वार्ता के दौरान दोनों को एक दूसरे के प्रति विश्वास रखना होगा।“

बुन्देलखण्ड न्यूज के दूसरे सवाल कि वार्ता के बाद भी समाधान न निकला तो क्या होगा, पर गोविन्दाचार्य ने कहा, ”बहुत से पहलू हैं जिनके कारण सरकार को दिक्कत हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि दोनों पक्षों को झुकना होगा, तभी सार्थक परिणाम निकल सकता है।“

यह भी पढ़ें - पाकिस्तान की जेल में 12 साल कैद रहे रामबहादुर को देखते ही मां बाप की आंखें छलक पड़ी

गोविंदाचार्य ने बताया कि यमुना दर्शन यात्रा की शुरुआत पहले 28 अगस्त को यमुनोत्री से होनी थी, लेकिन वहां पर भूस्खलन और सड़क बह जाने के परिणाम स्वरूप यात्रा की शुरुआत विकास नगर में यमुना मंदिर पूजन से शुरू हुई और 18 दिन की इस यात्रा का समापन 15 सितंबर को प्रयागराज में होगा। 

प्रकृति केन्द्रित विकास पर संवाद संगोष्ठी में सहकार भारती के लक्ष्मण पात्रा, विवेक त्यागी, मशहूर एक्टिविस्ट सुबुही खान, भारत विकास संगठन के अजय सिंह, किशोर रावत, स्वामी देवस्वरूपानंद, संजय शर्मा, एटर्नल हिन्दू के अरविंद तिवारी, निजी सचिव गोविंदाचार्य दीपकांत झा के अलावा बांदा से पूर्व प्रधानाचार्य बाबूलाल गुप्ता, डीएवी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य रामभरत सिंह तोमर, आनंद सिंह, संतोष गुप्ता, देव सिंह (हमीरपुर), प्रकाश चंद्र सक्सेना, प्रेमसागर दीक्षित, डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी, श्याम जी निगम, राहुल अवस्थी, रमाकांत द्विवेदी, पुष्पेंद्र भाई, राजा भईया यादव, जुनैद अहमद, किसान जाहिद अली, शिवनारायण सिंह, प्रमोद दीक्षित मलय, सुधीर सिंह, दलजीत सिंह (मस्कट, सऊदी अरब), नवीन पांडे, सबल सिंह, हरिमोहन श्रीवास्तव, श्याम जी निगम केसीएनआईटी, अर्जुन सिंह, डॉ. लक्ष्मी त्रिपाठी, अरुण निगम, रिजवान अली, सचिन अग्निहोत्री सहित दिल्लीवासी व गोविन्दाचार्य के साथ उनकी यात्रा में शामिल मशहूर एक्टिविस्ट सुबुही खान तथा राजकुमार राज, अमित सेठ भोलू भी उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें - प्रबुद्ध वर्ग भारत के सुपर पावर के सपने को, कर रहा साकार : प्रदेश उपाध्यक्ष

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0