भगवान कामतानाथ की परिक्रमा लगाने को पैदल श्रद्धालुओं के निकल रहे हैं जत्थे, जगह-जगह भंडारा

भादो मास की अमावस्या 14 सितंबर को है लेकिन भगवान कामतानाथ की परिक्रमा लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु अभी से पैदल ही धर्म नगरी चित्रकूट के लिए निकल पड़े हैं। सड़क...

भगवान कामतानाथ की परिक्रमा लगाने को पैदल श्रद्धालुओं के निकल रहे हैं जत्थे, जगह-जगह भंडारा

बांदा,

भादो मास की अमावस्या 14 सितंबर को है लेकिन भगवान कामतानाथ की परिक्रमा लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु अभी से पैदल ही धर्म नगरी चित्रकूट के लिए निकल पड़े हैं। सड़क पर श्रद्धालुओं के जत्थे के जत्थे दिखाई पड़ रहे हैं। इन्हें जगह-जगह रोक कर भोजन कराया जा रहा है। वहीं रोडवेज ने यात्रियों को सकुशल पहुंचने के लिए 50 बसों का बेड़ा लगाया है। यह बसे 3 दिन श्रद्धालुओं को धर्म नगरी छोड़ने और वहां से वापस लाने का काम करेंगी।

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धर्मनगरी चित्रकूट यूपी, एमपी के साथ अन्य प्रदेश के लोगों की आस्था केंद्र है। वैसे तो धर्मनगरी में हमेशा ही श्रद्धालु नजर आते हैं, लेकिन अमावस्या के मौके पर बुंदेलखंड के श्रद्धालु भगवान कामदनाथ की ड्योढ़ी पर मत्था टेकते हैं और परिक्रमा लगाते हैं। अमावस्या 14 सितंबर गुरुवार को है। चार दिन पूर्व से ही पैदल श्रद्धालुओं का जत्था चित्रकूट के लिए पैदल ही रवाना हो चुका है। इन पैदल यात्रियों को शहर के महावीरन के पास भंडारा का आयोजन किया गया है। यहां से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को रोक कर भोजन कराया जा रहा है। इसी तरह रास्ते में जगह श्रद्धालुओं को खाना व पानी आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। बुंदेलखंड के कई जनपदों से आने वाले यह श्रद्धालु धूप व बारिश की परवाह किए बिना धर्म पथ पर भजन का कीर्तन करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

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इधर, परिवहन निगम चित्रकूटधाम परिक्षेत्र मुख्यालय ने भी श्रद्धालुओं को धर्मनगरी चित्रकूट पहुंचाने के लिए बेहतर इंतजाम कर लिए हैं। बांदा एआरएम लक्ष्मण सिंह ने बताया कि रीजन मुख्यालय से 20 बसे लगाई गई हैं। इसके अलावा राठ, महोबा और हमीरपुर डिपो से 10-10 रोडवेज बसें लगाई गई हैं। एआरएम ने बताया कि 50 रोडवेज बसें श्रद्धालुओं को धर्मनगरी चित्रकूट लाने और ले जाने का काम करेंगी। 

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