इन्हें पेड़ पौधों का इतना बड़ा शौक, मैडम ने 4 बीघा जमीन में नर्सरी बना डाली

जो फूल पौधे कोलकाता से मैरिज, बर्थडे पार्टी या धार्मिक कार्यों में प्रयोग के लिए लाए जाते थे। कल्पना करें कि अगर यही मनमोहक सुगंध..

इन्हें पेड़ पौधों का इतना बड़ा शौक, मैडम ने 4 बीघा जमीन में नर्सरी बना डाली

जो फूल पौधे कोलकाता से मैरिज, बर्थडे पार्टी या धार्मिक कार्यों में प्रयोग के लिए लाए जाते थे। कल्पना करें कि अगर यही मनमोहक सुगंध वाले फूल व सजावटी पौधे आप की बालकनी या फिर कैंपस में छिछले से मिट्टी व चीनी मिट्टी के आकर्षक पात्र में लगे हों, तो सोच लीजिए आप कैसा महसूस करेंगे, निश्चित ही आपके लिए यह पल मनभावन होगा। तो तैयार हो जाइए, अब ऐसे ही वातावरण में खुशबू बिखेरने वाले और आपके मन को छू जाने लेने वाले पौधे आपके शहर में भी आ गए हैं। जिन्हें थोड़ी सी कीमत में खरीद कर आप अपने लान या बालकनी में सजा सकते हैं।

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जी हां.. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड के बांदा शहर की, जहाँ अतर्रा रोड स्थित महावीरन के समीप वसुंधरा नर्सरी है। वैसे तो बांदा में वन विभाग, उद्यान विभाग द्वारा पौधों की अनेक नर्सरी स्थापित है लेकिन जो फूल पौधे आपको चाहिए वह इन नर्सरी में उपलब्ध नहीं है। एक महिला हैं संध्या कुशवाहा जो शिक्षा से जुड़ी है, लेकिन उनकी विशेष रुचि पेड़ पौधों से है। जब उनकी शादी हुई और बहू बनकर बांदा आई, तब भी उनका शौक कम नही हुआ।

दुर्भाग्य से जो पौधे उन्हें चाहिए थे वह बांदा की नर्सरी में उपलब्ध नहीं थे। उन्हें यह पौधे कोलकाता से मंगाने पड़े। जब उन्हें यह पता चला कि यहां शादी ब्याह या किसी बड़े फंक्शन के लिए फूलों की जरूरत पडने पर फूल कोलकाता या कानपुर से मंगाए जाते हैं। तो उन्होंने निश्चय किया कि वह एक ऐसी नर्सरी विकसित करेंगी। जहां सभी प्रजाति के फल फूल के पौधे होंगे। इस तरह के दृढ़ निश्चय को सफलता में बदलने के लिए उनके पति अंकित कुशवाहा ने भी उनका साथ दिया और कुछ ही दिनों में उनका यह सपना साकार हो गया।

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उन्होंने अतर्रा रोड में वसुंधरा नर्सरी के नाम से 4 बीघे जमीन में प्लांटेशन शुरू किया और आज यहां फल फूलों की आधुनिक नर्सरी तैयार है। जिन्हें संवारने में नेहा कुशवाहा ने कडी मेहनत की है। उनकी इस नर्सरी में मदर प्लांट के रूप में आम की कई किस्में जैसे वनराज, आम्रपाली मल्लिका, अमरूद में इलाहाबादी सफेदा, केजी 9 जैसी उम्दा किस्में है। इसके अलावा दालचीनी, चंदन, सीता अशोक, नींबू हजारा, आंवला कदम, स्ट्रॉबेरी, केला पाम कैक्टस की कई किस्में है। नर्सरी में नवग्रह के रूप में चंदन सीता अशोक खैर पलाश इत्यादि के पौधे भी उपलब्ध हैं।

इसके अलावा इनकी नर्सरी में हर्बल सिंदूर का पौधा भी आकर्षण का केंद्र है। इसको सिंदूरी के नाम से जाना जाता है। इसके बीज प्रति किलो 300 की दर से बिकती है। इसी तरह इस नर्सरी में ऐसे फलों के पौधे हैं जो आपके गमलों में लगने के बाद फल देने लगते हैं। आपको आम या नींबू खरीदने की जरूरत नहीं है। आप गमले में लगाइए और फल पाइए।

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