इस शहर में गौ माताओं का हाईटेक घर, जहां हर सुख सुविधा का इंतजाम
बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल मुख्यालय के बांदा शहर में एक ऐसा घर है। जिसे गौ माताओं का घर कहा जाता है। घर में...
बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल मुख्यालय के बांदा शहर में एक ऐसा घर है। जिसे गौ माताओं का घर कहा जाता है। घर में जिस तरह मनुष्य सभी सुविधाओं का इंतजाम करके रहता है। ठीक इसी तरह से इस घर में रहने वाली गायों के लिए खान-पान से लेकर पंखा कूलर, रूम हीटर आधुनिक कॉर्पोरेट, पर्दे आदि के सारे इंतजाम मुहैया कराए गए हैं। यह सुविधाएं समाजसेवी पप्पू शिवहरे ने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मिलकर न सिर्फ उपलब्ध कराया है बल्कि यह पूरा परिवार गाय को 'माता' मानकर परिवार की तरह उनका ख्याल रख रहा है। वह कहते हैं कि हिंदू एक गाय घर में पाल कर देखें, तो उसकी तकदीर बदल जाएगी।
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शहर के तिंदवारी रोड बाईपास के पास पप्पू शिवहरे ने गायों का हाईटेक घर बनवाया है। एक ओर जहां अन्ना गोवंश भूख से तड़प रहा है। खानपान का इंतजाम न होने से गौशाला में ही दम तो रहा है। ऐसे में पप्पू शिवहरे ने अपना पैसा खर्च करके गायों को रहने के लिए जमीन खरीद कर नर सिर्फ उनका हाईटेक घर बनवाया बल्कि इसमें साहिवाल जैसी देसी नस्ल की करीब 10 गायों को रखकर उन्हें खान-पान से लेकर हर आधुनिक सुविधा मुहैया कराई। अगर मौका लगे तो आप भी इस गौ माता के घर का दीदार करें। घर में सभी गायों के लिए जो चरही बनाई गई है। उनमें चारों तरफ टाइल्स लगाए गए हैं। भूसा के लिए अलग और पानी के लिए अलग चरही बनी है। हर गाय के बीच में एक एक दीवार बनी है ताकि आपस में झगड़ा न कर सके। इनके पैरों में केरल से मंगाई गई कॉर्पोरेट बिछी है। जिसके कारण उनके नीचे गोबर या गोमूत्र की गंदगी नहीं रहती है। पानी का निकास इस तरह से बना है कि जैसे ही गाय पेशाब करती है अपने आप प नाली में बह जाता।
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इसी तरह यहां रूमहीटर, मच्छर मक्खी मारने के लिए मशीन, चारों तरफ पर्दे लाइट आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं इनके लिए भूसे का अलग भंडार है। जिसमें कई कुंतल भूसों का स्टॉक है। साथ ही एक अलग स्टोर है जिसमें खली, चना भूसी, नमक ,हल्दी गुड़ आदि का स्टॉक रखा है। जिन्हें साफ स्टील के बर्तनों में मानक के अनुसार निकालकर रखा जाता है और फिर सानी करते समय उन्हें यह सब मिलाकर खाने को दिया जाता है। गायों की सेवा के लिए एक गौ सेवक भी रखा है जो अपनी फैमिली के साथ गायों के आवास में ही रहता है और 24 घंटे इनकी सेवा करता है। लेकिन गाय पालने का शौक रखने वाले पप्पू शिवहरे और उनकी पत्नी संगीता इन गोवंशों की परिवार की तरह सेवा करते हैं।
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इस बारे में पप्पू शिवहरे का कहना है कि दुबई में रहने के बाद मैंने बांदा में आकर टायर का एक शोरूम खोला और 6 साल पहले एक गाय पाली जिसकी सेवा से हमारी हर इच्छा पूरी होती चली गई। गाय नाम राधा है। राधा धीरे-धीरे बच्चों की मां और अब नानी बन गई। इनकी ही कृपा से एक शोरूम से टायर के दो शोरूम बन गए। जहां इन गायों को रखा जाता था वहां अब पीतांबरा मां का विशाल मंदिर बन रहा है। इसके बाद गायों के लिए अलग जमीन खरीद कर घर बना दिया गया। वही अब हमारा टायर का तीसरा शोरूम खुल गया। उनकी पत्नी संगीता शिवहरे का कहना है कि मैं दिल्ली में पढ़ी लिखी हूं मैंने कभी गोवंश को टच तक नहीं किया। शादी के बाद मुझे बांदा आने का अवसर मिला और यहीं पर मैंने राधा गाय की सेवा की। जिससे मेरी सभी बीमारियां दूर हो गई और हमारी हर मुश्किल है आसान होती चली गई।
वह कहती हैं कि हिंदू अगर गाय को गुड़ चना या रोटी खिलाएं तो निश्चित ही उनकी हर मनोकामना पूरी होगी। इसी तरह पप्पू शिवहरे का दावा है कि अगर जिसे हृदय रोग की बीमारी है वह प्रतिदिन गाय की पीठ पर 5 मिनट हाथ फेरे तो उसकी यह बीमारी मात्र 1 महीने के अंदर दूर हो जाएगी। बताते चलें कि पप्पू शिवहरे सिर्फ स्वयं पाली गई गायों की सेवा ही नहीं करते बल्कि जो अन्ना गाए हैं उन्हें भी चारा भूसा और गुड़ प्रतिदिन खिलाते हैं जिससे इस घर के सामने ही लगभग एक सैकड़ा अन्ना गायों का जमावड़ा लगा रहता है। वे बताते हैं कि वह गायों को पालकर कोई व्यापार नहीं कर रहे हैं। बल्कि उन्हें इनकी सेवा करने से न सिर्फ सुकून मिलता है बल्कि इन गायों के कारण ही उनका व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। इनकी कृपा से ही विशाल पीताम्बरा मंदिर बन रहा है। जिसमें 4 मार्च 2023 को मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।