बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में अन्ना गोवंशों का झुंड रफ्तार को लगा रहा है ब्रेक, गोवंश व वाहन चालक गंवा रहे हैं जान

सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में अन्ना गोवंशों का झुंड दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है। चित्रकूट से लेकर...

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में अन्ना गोवंशों का झुंड रफ्तार को लगा रहा है ब्रेक, गोवंश व वाहन चालक गंवा रहे हैं जान

सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में अन्ना गोवंशों का झुंड दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है। चित्रकूट से लेकर इटावा तक जगह जगह बीच सड़क में छुट्टा घूम रहे अन्ना मवेशियों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। अब तक इन मवेशियों के कारण लगभग एक दर्जन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कई दर्जन मवेशी भी दुर्घटना का शिकार होकर मौत के मुंह में समा गए हैं। इसके बाद भी अन्ना मवेशियों की रोकथाम के लिए किसी तरह के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। 

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जिससे एक्सप्रेस वे से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार नहीं बढ पा रही है।यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद अन्ना गोवंशो को संरक्षित करने के लिए न सिर्फ एक मुहिम की शुरुआत की। बल्कि इसके लिए सभी जिलों में गौशाला बनाकर गोवंशो के संरक्षण के लिए सरकारी धन की मदद भी दी। सरकार की मंशा के अनुरूप जनपद बांदा में भी गौशाला खोलकर गोवंशों को को संरक्षित करने का दावा किया गया। 

cow in bundelkhand express

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लेकिन यही गोवंश जब सड़कों में फिर नजर आने लगे तो सरकारी दावों की पोल खुलने लगी। जिले की सड़कों में तो पहले से ही अन्ना जानवर घूम रहे थे। अब जब से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे बन गया। तबसे बड़ी संख्या में अन्ना जानवरों का झुंड एक्सप्रेस में पहुंच जाता है। इनके झुंड के विचरण करने से दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। यही वजह है कि अब तक बांदा से लेकर हमीरपुर जालौन और औरैया में एक दर्जन से ज्यादा लोग गोवंशों को बचाने के चक्कर में दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं।

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जनपद बांदा में मवई और हथौरा गांव के पास शाम होते ही अन्ना व पालतू मवेशियों का झुंड बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर विचरण को आ जाता है। इन्हें रोकने की व्यवस्था नहीं है। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को कहना है कि आसपास के गांव के लोग मवेशी चरने के लिए छोड़ जाते हैं, वहीं सड़क पर आ जाते हैं। इस बारे में जिला अधिकारी अनुराग पटेल का कहना है कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पहले भी निराश्रित गोवंश को सुरक्षित रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं और साथ ही यह भी कहा गया है कि अन्ना गोवंश सड़कों पर व खुलेआम घूमते न पाये जाए।

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