समूचे जिले में यूरिया खाद के लिए हाहाकार एक-एक बोरी खाद के लिए किसान हुआ परेशान

इस समय डीएपी खाद के बाद अब यूरिया का घोर संकट व्याप्त है जिससे किसान अत्यंत परेशान हैं क्योंकि गेंहू में पलेवा हो जाने के..

समूचे जिले में यूरिया खाद के लिए हाहाकार एक-एक बोरी खाद के लिए किसान हुआ परेशान

इस समय डीएपी खाद के बाद अब यूरिया का घोर संकट व्याप्त है जिससे किसान अत्यंत परेशान हैं क्योंकि गेंहू में पलेवा हो जाने के लिये छिड़काव की सख्त जरूरत है और येन मौके पर यूरिया खाद का अकाल है जिससे किसान किसान अत्यंत परेशान हैं जबकि प्रशासन का हवा हवाई दावा है कि उर्वरक की कोई किल्लत नही है,मंडी परिसर में तो पिछले 8 दिनों से किसान  खाद के लिए लाइन लगाए रहते हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। गुरुवार को सैकड़ों किसानों ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपना दुखड़ा सुनाया।

मंडी परिसर में पिछले 8 दिनों से खाद के लिए किसान भटक रहे हैं। त्रिवेणी गांव के रामअवतार ने बताया कि हमने खेत में पानी लगा दिया है खाद के लिए टोकन मिला लेकिन 8 दिन से चक्कर लगाने के बाद भी खाद नहीं मिली। इसी तरह  दुरेडी गांव के किसानों ने बताया कि हमने 90  रुपए लीटर डीजल का इस्तेमाल करके खेतों में पानी लगाया लेकिन खाद न मिलने से खेत सूख रहे हैं, अगर 2 दिन और खाद नहीं मिली तो हमारी फसल नष्ट हो जाएगी।

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इसी तरह कुछ युवा किसानों ने बताया कि 2 दिन से मंडी परिसर में  170 और 120 बोरी खाद आई। हम सारे किसान टोकन लिए लाइन में खड़े रहे। बाद में पता चला कि खाद खत्म हो गई। जब किसी किसान को एक बोरी  खाद नहीं मिली तो फिर खाद कहां चली गई। इसकी जांच होना चाहिए। यही हाल देहात कोतवाली क्षेत्र की सावित्री ने बताया उसने बताया  कि हम पैदल खाद के लिए सुबह से मंडी आ जाते हैं और शाम तक खाद की आस में बैठे रहते हैं लेकिन खाद नसीब नहीं हो रही है। इन सारे किसानों ने खाद की समस्या को लेकर आज जिला अधिकारी को अवगत कराया है।

इसी तरह जिले के बबेरू तहसील अंतर्गत सोसाइटी में 2 दिन पहले किसानों ने खाद के लिए हंगामा किया था यहां 500 बोरी खाद पहुंची और खाद के लिए डेढ़ हजार से ज्यादा किसान जमा हो गए जिससे अफरा तफरी मच गई बाद में पूर्व विधायक ने पहुंचकर किसानों को समझा-बुझाकर किसी तरह 500 बोरी खाद वितरित कराई।

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कमासिन,क्षेत्र में कमासिन,बीरा,औदहा,बन्थरी, नारायणपुर, छिलोलर व सुनहुली समितिया व तीन एंग्री जनशन संचालित है लेकिन हप्तों से सभी केंद्रों में यूरिया खाद नही है प्रतिदिन किसान समितियों व एग्री जनशन के चक्कर लगाते हैं और शाम को निराश होकर घर वापस लौट जाते हैं। तमाम किसानों ने बताया है कि रबी बुवाई के समय डीएपी खाद की जबरजस्त किल्लत थी।

बिक्री केंद्रों में यदि एकाध ट्रक डीएपी आ जाती थी तो एक बोरी खाद पाने के लिये सुबह से शाम तक लाइन में पुलिस द्वारा खड़ा करा दिया जाता था लेकिन नंबर आते-आते खाद ही समाप्त हो जाती थी और निराश वापस घर लौट कर चले आते थे और गेहूं की बुवाई पिछड़ रही थी हप्तों इंतेज़ार के बाद जब खाद नही मिल पाई तो यूरिया जिंक पॉट्स मिलाकर गेंहू की बुवाई की गई थी, गेंहू में पलेवा हो गया है अब छिड़काव के यूरिया की सख्त जरूरत है लेकिन अब यूरिया ढूढे नही मिल रही है।

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