भारतीय सेना ने गोला - बारूद की आरएफआईडी टैगिंग शुरू की, पहली खेप रवाना

भारतीय सेना ने बुधवार को हथियारों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अपनी गोला-बारूद की रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन..

भारतीय सेना ने गोला - बारूद की आरएफआईडी टैगिंग शुरू की, पहली खेप रवाना
भारतीय सेना ने गोला - बारूद की आरएफआईडी टैगिंग शुरू की..

नई दिल्ली,

  • आयुध सेवा के महानिदेशक ने हरी झंडी दिखाकर

भारतीय सेना ने बुधवार को हथियारों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अपनी गोला-बारूद की रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैगिंग शुरू की है। आरएफआईडी-टैग गोला बारूद की पहली खेप पुणे स्थित एम्युनिशन फैक्ट्री खड़की से सेंट्रल एम्युनिशन डिपो (सीएडी) पुलगांव को भेजने के लिए आयुध सेवा के महानिदेशक ने हरी झंडी दिखाई।

सेना ने एक बयान में कहा कि आरएफआईडी टैगिंग से गोला-बारूद के प्रबंधन में बदलाव आएगा और इसके प्रबंधन और ट्रैकिंग में आसानी होगी। सेना का यह प्रयास गोला-बारूद का भंडारण करने के साथ ही सैनिकों की ओर से किए जाने वाले उपयोग को सुरक्षित बनाएगा जिससे फील्ड आर्मी को भी अधिक संतुष्टि मिलेगी। सेना ने कहा कि इस परियोजना के कार्यान्वयन से गोला-बारूद डिपो की तकनीकी गतिविधियों में मजबूती आने के साथ ही इन्वेंट्री ले जाने की लागत में कमी आएगी।

यह भी पढ़ें - CBSE ने कक्षा 10, 12 टर्म - 2 परीक्षा 2022 की घोषणा की, बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न को लेकर दी अहम जानकारी

  • पहली खेप सेंट्रल एम्युनिशन डिपो भेजी
  • रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैगिंग से गोला-बारूद का प्रबंधन करने में आएगी पारदर्शिता

सेना के मुताबिक गोला-बारूद की आरएफआईडी टैगिंग को भारतीय सेना के आयुध सेवा निदेशालय के पुणे में स्थित मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड के सहयोग से संचालित किया गया है। यह आयुध निर्माणी बोर्ड के बाद बनाई गई नव-निर्मित इकाई है। सेना का यह भी कहना है कि आरएफआईडी टैगिंग वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वैश्विक मानक संगठन जीएस-1 इंडिया के परामर्श से वैश्विक मानकों के अनुरूप है।

आयुध सेवा निदेशालय का कम्प्यूटरीकृत इन्वेंट्री कंट्रोल ग्रुप (सीआईसीजी) एंटरप्राइज रिसोर्स एप्लिकेशन के जरिए आरएफआईडी ट्रैकिंग के लिए उपयोग करेगा। आरएफआईडी टैग गोला-बारूद की पहली खेप को आयुध सेवा के महानिदेशक ने हरी झंडी दिखाई। पहली खेप में 5.56 मिमी गोला-बारूद के तीन लॉट शामिल हैं। यह खेप एम्युनिशन फैक्ट्री खड़की (पुणे) से सेंट्रल एम्युनिशन (सीएडी) पुलगांव भेजी गई है।

यह भी पढ़ें - कोरोना के नए मामले थोड़े बढ़े, 24 घंटे में 71 हजार नए मरीज

यह भी पढ़ें - लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से : प्रधानमंत्री

हि.स

What's Your Reaction?

like
2
dislike
0
love
2
funny
0
angry
0
sad
0
wow
2