झांसी की कंपनी का आधिपत्य समाप्त, बायोमेडिकल कचरे के नए प्लांट का शुभारम्भ

मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर मोहनपुरवा में चित्रकूटधाम मंडल इकलौती कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट फैसिलिटी यूनिट..

झांसी की कंपनी का आधिपत्य समाप्त, बायोमेडिकल कचरे के नए प्लांट का शुभारम्भ

मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर मोहनपुरवा में चित्रकूटधाम मंडल इकलौती कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट फैसिलिटी यूनिट का सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य शुभारंभ किया गया।

बामदेव स्मार्ट साल्यूसंश के अथक प्रयासों और भारत सरकार व उप्र सरकार के सहयोग से स्थापित यूनिट में अब मंडल के सरकारी गैरसरकारी अस्पतालों, क्लीनिकों, पैथालाजी, नर्सिग होम्स आिद से निकलने वाला जैविक कचरा निस्तारित किया जा सकेगा। जिससे क्षेत्र के लोगों को संक्रमण और प्रदूषण के खतरे से निजात मिल सकेगी।

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सोमवार को मोहनपुरवा के जिगनौड़ा रोड के पास स्थापित जैव चिकित्सीय अपशिष्ट निस्तारण संयत्र का शुभारंभ विद्वान पंडित आचार्य बालेंद्र द्विवेदी के निर्देशन में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया। बामदेव स्मार्ट साल्यूसंश के निदेशक डा.मनोज कुमार शिवहरे और रावेंद्र प्रताप सिंह ने सपरिवार विधिवत पूजा अर्चना की।

इस मौके पर निदेशक डा.शिवहरे की माता राजा देवी और पिता रामसेवक शिवहरे ने फीता काट कर औपचारिक शुभारंभ किया। प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह और मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एनडी शर्मा ने पहुंचकर यूनिट की बारीकियां समझीं और यूनिट के सही तरीके से संचालन के दिशा निर्देश दिए।

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इस मौके पर पूर्व विधायक राजकुमार शिवहरे, सदर विधायक प्रतिनिधि रजत सेठ, पुष्कर द्विवेदी, प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी, बांदा अर्बन को ऑपरेटिव बैंक के दिनेश दीक्षित, अमित सेठ भोलू, डॉक्टर प्रज्ञा प्रकाश, मनोज जैन, संजय निगम अकेला, ओम प्रकाश मसुरहा, मयंक सर्राफ, राजेश दीक्षित, भगवानदीन गर्ग, पीयूष गुप्ता, सीपी तिवारी सहित शहर के तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।

एनजीटी और सीपीसीबी की गाइडलाइन के मुताबिक जैव चिकित्सीय अपशिष्ट का उचित निस्तारण न होने से वातावरण और मानव समाज को हानि पहुंच सकती है। बामदेव स्मार्ट साल्यूसंश के निदेशक रावेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार ही बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण किया जाएगा।

ताकि समाज को प्रदूषण और संक्रमण से बचाया जा सके। बताते हैं कि मानक के अनुसार की यूनिट का संचालन होगा। यूनिट की औपचारिक शुरूआत नए वित्तीय वर्ष से होगी और भारत सरकार व प्रदेश सरकार के सहयोग से बेहतर प्रदर्शन किया जाएगा।

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