कलयुग का श्रवण कुमार, इस अंदाज से करवा रहा है मां को तीर्थ यात्रा

मां बाप का दर्जा भगवान से भी बड़ा होता है। यह चरितार्थ करने के लिए एक युवक अपनी मां को कई देशों का भ्रमण...

कलयुग का श्रवण कुमार, इस अंदाज से करवा रहा है मां को तीर्थ यात्रा

मां बाप का दर्जा भगवान से भी बड़ा होता है। यह चरितार्थ करने के लिए एक युवक अपनी मां को कई देशों का भ्रमण करा रहा है। आज के समय के श्रवण कुमार मैसूर के कृष्ण कुमार अपनी मां चूड़ारत्ना देवी को स्कूटर पर बिठाकर तीर्थ यात्रा पर निकल पड़े हैं। वे अपनी माता को अब तक 10 ज्योर्तिलिंग के दर्शन करा चुके हैं। केरल, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडू, कर्नाटक, गोवा, छत्तीसगढ़, ओडिसा, झारखंड बंगाल के बाद अब चित्रकूट की यात्रा में है। युवक अपनी मां को स्कूटर में बैठकर 50 हजार किमी से अधिक दूरी की यात्रा कर चुका है।

यह भी पढ़े- दिल्ली प्रयागराज वाया बांदा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की कवायद शुरू

 

पांच साल से 50 हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा कराने के बाद बुधवार को मां-बेटे चित्रकूट पहुंचे। दोनों ने बताया कि यहां आने से आध्यात्मिक शांति मिली है। उन्होंने बताया कि तीन देशों नेपाल, भूटान और म्यांमार के धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं। 42 साल के एमसीए कृष्ण कुमार बताते हैं कि वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। कर्नाटक राज्य के मैसूर में 10 लोगों का संयुक्त परिवार है। मां घर के सारे काम करती थीं। एक दिन कंपनी से घर आकर मैंने कुछ प्रमुख मंदिरों के नाम गिनाते हुए मां से पूछा कि मां कभी इन मंदिरों के दर्शन करने गई हो। इतना सुनते ही वह नम आंखों से बोली बेटा आज तक वह अपने घर के पास वाले मंदिर भी नहीं जा सकी है। इतना सुनते ही वह भी दुखी हो गया और तय कर लिया कि मां को देश ही नहीं बल्कि आस पास के अन्य देशों के भी प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन कराऊंगा।

यह भी पढ़े- ललितपुर पहुंचे उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, बोले एके 47 लेकर चलने वाले आज व्हीलचेयर पर आ गए है 


मां चूड़ारत्ना की रजामंदी मिलने के बाद उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। कंपनी वालों ने बहुत समझाया, लेकिन जब मां के बारे में बताया तो सभी ने उसका हौसला भी बढ़ाया। हेलीकाप्टर, ट्रेन या अन्य साधन से यात्रा कराने के लिए धनराशि न होने पर उसने अपनी ही पुरानी स्कूटर से मंदिरों के भ्रमण के लिए निकल पड़ा।16 जनवरी 2018 को केरल के घर से शुरु यह धार्मिक यात्रा नेपाल, भूटान व म्यंमार के मंदिरों तक होने के बाद भारत के कई राज्य तक घूम चुकी है। पांच अप्रैल 2023 को चित्रकूट पहुंचे मां बेटे को देखकर और उनके संकल्प को जानकर सभी प्रभावित हुए हैं।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
1
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0